श्रीमद्भागवत श्रवण संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म है : कथावाचक
कालुपहाड़ी गांव स्थित बजरंगबली मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा जारी रहा.
बिंदापाथर. कालुपहाड़ी गांव स्थित बजरंगबली मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा जारी रहा. वृंदावन धाम के कथावाचक धर्मप्राण गोपाल नंदन जी महाराज ने श्रीमद्भागवत महिमा का वर्णन किया. कहा श्रीमद्भागवत श्रवण संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म है. यह भगवान का वांग्मय स्वरूप है, जो जन्म-जन्मांतर के पुण्य उदय होने पर प्राप्त होता है. न भागवत की नियति ब्रह्म होना है, यह देव दुर्लभ हैं किंतु मनुष्यों को सुलभ होकर ज्ञान गंगा के रूप में प्रवाहित हो रही है. हर मनुष्य को समाज में अच्छा काम करना चाहिए. भगवान श्रीकृष्ण ने कहा जो मनुष्य अच्छा कर्म करता है उसे अच्छा फल मिलता है और बुरे कर्म करने वाले को बुरा फल मिलता है. भागवत को सुनने से पाप नष्ट होता है. कहा कि भक्ति के दो पुत्र हैं – ज्ञान, दूसरा वैराग्य. भक्ति बड़ी दुखी थी, उसके दोनों पुत्र वृद्धावस्था में आकर भी सोये पड़े हैं. वेद वेदांत का ज्ञान था, किंतु वे नहीं जागे, यह बड़ा विचित्र और सूक्ष्म विचार का विषय है. भक्ति बड़ी दुखी थी कि यदि वे नहीं जागे तो यह संसार गर्त में चला जायेगा. श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने के लिए कालुपहाड़ी, खामारबाद, तिलाकी, नीलकंठपुर, मुड़ाबोहाल, बारमसिया आदि श्रोता पहुंचे थे.
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