मुरलीपहाड़ी. नारायणपुर प्रखंड के आमजोरा गढ़ में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की पूजा अर्चना हर साल की भांति इस साल काफी उत्साह के साथ हो रही है. राज परिवार के सदस्य टिकेत मनी सिंह ने बताया कि आमजोरा गढ़ घाटी स्टेट का ही एक हिस्सा था, जिसे 18वीं सदी में घाटीगढ़ के नाम से प्राप्त किया गया. वह भाग आमजोरा गढ़ के नाम से जाना जाता है. मंदिर की स्थापना 18वीं सदी में तत्कालीन राजा जयसिंह ने की थी. इस सदी में मां दुर्गा की स्थापना कर पूजा आरंभ किया गया था. आज से 300 साल पहले से ही दुर्गा पूजा पर यहां के मेला लगाया जाता है. परंपरा के अनुसार देवी की पूजा सप्तमी तिथि से की जाती है जो नवमी तक लगातार जारी रहती है. आमजोरा गांव में हिंदू मुस्लिम सहित सभी समुदायों के लोग का राज परिवार के साथ अटूट विश्वास जुड़ा है. इस कारण ही राज परिवार के कंधे से कंधे मिलाकर इस उत्सव में शामिल होते हैं. पूजा के दौरान नवमी तथा दसवीं तिथि पर दूरदराज से श्रद्धालु मन्नत के लिए आते हैं. मान्यता है जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मां देवी से कामना करते हैं उन्हें पूरी होती है. वर्तमान समय में टिकेत मनी सिंह की ओर से देवी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है. किसी भी समुदाय के लोगों में कोई भी भेदभाव की भावना यहां नहीं है. यहां दो दिवसीय मेले का आयोजन भी होता है.
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