घाटीगढ़ दुर्गा मंदिर में महागौरी की हुई पूजा अर्चना
नवरात्र के आठवें दिन घाटीगढ़ दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं ने महागौरी देवी के स्वरूप की आराधना की.
मुरलीपहाड़ी. नवरात्र के आठवें दिन घाटीगढ़ दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं ने महागौरी देवी के स्वरूप की आराधना की. मंदिरों में गूंजते दुर्गा माता के कर्णप्रिय भजनों से माहौल भक्तिमय बना रहा. पंडित भास्कर पाठक ने पूजा विधि विधान से की. महाअष्टमी में मां दुर्गा के नौ रूपों में महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है. इस स्वरूप को कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान, समृद्धि और सुख का वरदान माना जाता है. मान्यता है कि मां की पूजा-अर्चना से सुख-शांति, यश, वैभव और मान-सम्मान प्राप्त होता है. पंडित आचार्य बंधन मुखर्जी, शास्त्री सूर्य प्रकाश मिश्रा, पंडित सूरज पांडे ने बताया कि महाअष्टमी के दिन महागौरी की पूजा होती है. वह भगवान शिव की अर्द्धंगिनी हैं. इसलिए उनकी उपासना से महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सुंदर, अति गौर वर्ण होने के कारण इन्हें महागौरी भी कहा जाता है. महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है. समस्त पापों का नाश होता है. हर मनोकामना पूर्ण होती है.
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