फोटो – 04 वट वृक्ष में मंगल सूत्र बांधती सुहागिन महिलाएं, 05 एक दूसरे को सिंदुर लगाती सुहागिन संवाददाता, जामताड़ा सुहागिनों ने अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री का व्रत रखा. वट वृक्ष के नीचे पूजा कर आशीर्वाद लिया. शहर के गांधी मैदान स्थित षष्ठी तल्ला, नामुपाड़ा राजपल्ली, दुमका रोड आदि मुहल्ले में वट वृक्ष के समीप पूजा-अर्चना की. बताया जाता है कि यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है. हिंदू धर्म में महिलाएं पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य की कामना के लिए कई व्रत रखती हैं. इनमें एक प्रमुख व्रत है वट सावित्री का व्रत. यह व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखकर बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं. महिलाएं देवी सावित्री के पति प्रेम और पतिव्रत धर्म का स्मरण करते हुए अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं. वट सावित्री व्रत सती सावित्री से जुड़ा है. वट सावित्री कथा के अनुसार देवी सावित्री ने पति के प्राणों की रक्षा के लिए विधि के विधान को बदल दिया था. मान्यता है कि अपने सतीत्व और कठोर तपस्या से सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने पर विवश कर दिया था. यमराज ने वट वृक्ष के नीचे ही सत्यवान के प्राण लौटाए थे और वरदान भी दिया था कि जो सुहागिनें वट वृक्ष की पूजा करेंगी, उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलेगा.
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