बिचौलिये गांव-गांव घूमकर चला रहे धान का धंधा, लैंप्स पड़ा मंदा
बिचौलिये गांव-गांव घूमकर चला रहे धान का धंधा, लैंप्स पड़ा मंदा
प्रतिनिधि, नारायणपुर नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों बिचौलियों का सक्रियता का एक नया रूप देखने को मिल रहा है. ये बिचौलिये गांव-गांव जाकर धान खरीदने का काम कर रहे हैं. जैसे ही सुबह होती है, बिचौलिये अपनी गाड़ी लेकर गांव में दाखिल हो जाते हैं और किसानों से महज 17 से 18 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदकर ले जाते हैं. इस प्रक्रिया से एक ओर जहां बिचौलियों को मुनाफा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों को अपनी धान सस्ते दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. नारायणपुर प्रखंड में चार सरकारी लैंप्स (लाइसेंस प्राप्त खरीदी केंद्र) संचालित हैं, लेकिन इन लैंप्स को प्राथमिकता देने की बजाय बिचौलिये गांव-गांव घूम कर अपनी खरीदारी कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि बिचौलियों से पैसे तुरंत मिल जाते हैं, जबकि लैंप्स में पैसे मिलने में कुछ समय लगता है. प्रखंड के सबनपुर, बंदरचुंआ, नावाडीह और चम्पापुर में लैंप्स संचालित हैं. इनमें सबसे ज्यादा सक्रिय सबनपुर लैंप्स दिख रहा है, जिस कारण इसे नोडल लैंप्स भी बनाया गया है. सरकार ने इस वर्ष इन लैंप्स के माध्यम से 30,000 क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा है. हालांकि, लैंप्स के बेहतर संचालन के लिए प्रखंड कार्यालय ने प्रत्येक लैंप्स को एक जनसेवक नियुक्त किया है, जो धान की खरीददारी की निगरानी कर रहे हैं. फिर भी, जिस गति से बिचौलिये धान खरीद रहे हैं, ऐसे में यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि क्या निर्धारित लक्ष्य पूरा हो पाएगा. अब तक, नारायणपुर के लैंप्स द्वारा खरीदी गयी धान की मात्रा इस प्रकार रही है: – सबनपुर लैंप्स में 10,000 क्विंटल – बंदरचुंआ में 2,200 क्विंटल – चम्पापुर लैंप्स में 4,058 क्विंटल – नावाडीह लैंप्स में 1,050 क्विंटल
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