जामताड़ा. शहर के सेंट एंथोनी विद्यालय प्रांगण में सुरों के सरताज मो. रफी के 100 वां जन्मदिन मनाया गया. इस अवसर पर स्थानीय शिक्षक, गायक व कलाकार ने पार्श्व गायक मो रफी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. बताया कि 13 साल की उम्र में मोहम्मद रफी ने अपनी पहली स्टेज परफॉर्मेंस दी और उसके बाद उन्होंने जिंदगी में पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. रफी के गानों की लिस्ट में दिल छू लेने वाले गानों से लेकर देशभक्ति गीत, रोमांटिक धुन, कव्वाली, गजल और भजन तक शामिल है. मौके पर उपस्थित जनों ने मिलकर रफी साहब के गए हुए एक से बढ़कर एक तराने प्रस्तुत किए. आया रे खिलौने वाला गीत गाकर सभी खूब तालियां बटोरी. वहीं सभी ने ””””मन तड़पत हरी दर्शन को…’ और अजहूं ना आये बालमा सावन बीता जाये गाकर समां बांधा. साथ ही अन्य कलाकारों व गायकों ने एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति दी. मौके पर समाजसेवी डॉ दुर्गा दास भंडारी ने सुर सम्राट मो. रफी के जीवन से जुड़ी अन छुए पहलुओं को दर्शकों के सामने रखा. मौके पर बाल्मीकि कुमार, हरिप्रसाद राम, राकेश कुमार, राजीव रंजन, अजय सिंह, राजेश कुमार साह, बलराम कुमार, अमरनाथ दास, धर्मवीर कुमार भारती, रंजीत कुमार, देव नवीन उरांव, सुभाष चंद्र, शुभ बंदोपाध्याय, अभिनव बंदोपाध्याय, राकेश कांत रोशन, सुमन राय, शिवांकु भंडारी आदि थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है