जामताड़ा. शारदीय नवरात्र गुरुवार से शुरू होगा. इसको लेकर जिले भर में चलह पहल शुरू हो गयी है. गुरुवार से नौ दिनाें तक मां देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की होगी आराधना होगी. शारदीय नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री की उपासना की जायेगी. सनातन धर्मावलंबी निराहार या फलाहार रहते हुए अपने घर, मंदिर व पूजा पंडालों में घट स्थापना के बाद दुर्गा सप्तशती, रामचरितमानस, सुंदरकांड, रामरक्षा स्त्रोत्र, दुर्गा सहस्त्र नाम, अर्गला, कवच, कील, सिद्ध कुंजिका स्त्रोत्र आदि पाठ करेंगे. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होते ही कलश स्थापना की जायेगी. इसे लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है. महिला, पुरुष खरीदारी करने में जुटे हैं. शहर के सभी दुकानों में काफी भीड़ भी देखी जा रही है. दुर्गा उत्सव को लेकर शहर के बाजार पूजन सामग्रियों से सज गयी है. पूजा के लिए मिट्टी के कलश, नारियल, चुनरी, रोली, घी, धूप बत्ती, अगरबत्ती, सुपारी, जौ, कपूर आदि सामग्री की लोग खरीदारी कर रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के कारण लोगों के घर का बजट भले ही गड़बड़ा रहा है, लेकिन देवी की आराधना करने में भक्त कोई कमी नहीं करते दिख रहे हैं. श्रद्धालुओं के बजट के अनुसार पूजन सामग्री मौजूद है. नौ दिनों के व्रत में अन्न से परहेज किया जाता है. नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की उपासना होती है. इनमें मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की उपासना शामिल है. नवरात्र के नौ दिन नौ देवियों को अलग-अलग भोग लगाया जाता है. किसी देवी को नारियल, किसी को गाय का घी, गुड़, मालपुआ, खीर, हलवा और इसी तरह चना व पूड़ी का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है.
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