जिले भर के अस्पतालों में ओपीडी सेवा रही बाधित, सिर्फ इमरजेंसी रहा बहाल

आरजी कर मेडिकल कॉलेज कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व निर्मम हत्या से चिकित्सकों में आक्रोश है. जामताड़ा जिले भर के सरकारी व निजी अस्पतालों में चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा ठप रखा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2024 8:55 PM

जामताड़ा. पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व निर्मम हत्या से चिकित्सकों में आक्रोश है. झारखंड आइएमए व झासा ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन का पूर्ण समर्थन किया. शनिवार को जामताड़ा जिले भर के सरकारी व निजी अस्पतालों में चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा ठप रखा. इस दौरान मरीजों को काफी दिक्कतें हुई. गंभीर मरीजों का इलाज इमरजेंसी में चिकित्सकों ने किया. सदर अस्पताल में शनिवार दोपहर दो बजे तक मात्र 23 मरीजाें का इमरजेंसी में इलाज किया गया, जबकि अमुमन प्रतिदिन 250 से 300 मरीजों का इलाज ओपीडी में होता था. शनिवार को ओपीडी ठप रहा, इसके लिए पर्ची काउंटर भी बंद रहा. जामताड़ा शहर के रहमुडंगाल निवासी तराना खातून सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित थी. काउंटर में पर्ची नहीं मिलने के कारण इलाज नहीं करा सकी. इमरजेंसी में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ पंकज कुमार ने बताया कि डायलिसिस, कुत्ता काटने, पेट दर्द आदि बीमारी से जुझ रहे मरीजों का इमरजेंसी में इलाज किया गया. वहीं सदर अस्पताल के डीएस कार्यालय में शनिवार को एसीएमओ डॉ कालीदास मुर्मू ने बैठक की, जिसके बाद चिकित्सकों ने डीसी कुमुद सहाय व एसपी अनिमेष नैथानी को मांग-पत्र सौंपा. मौके पर डॉ नीलेश कुमार, डॉ डीसी मुंशी आदि मौजूद थे.

नारायणपुर में चिकित्सकों ने किया कार्य का बहिष्कार

नारायणपुर. आरजी कर मेडिकल कॉलेज कोलकाता में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या, सामाजिक तत्वों की ओर से मेडिकल कॉलेज में किए गए तोड़फोड़ व मारपीट की घटना के विरोध का असर नारायणपुर में भी दिखा. झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विस एसोसिएशन के बैनर तले सीएचसी में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों ने कार्य का बहिष्कार किया. चिकित्सकों ने सिर्फ इमरजेंसी सेवा बहाल रखी. दिनभर कार्य बहिष्कार के कारण सीएससी में चिकित्सा सेवा लगभग ठप रहा. तमाम चिकित्सकों व कर्मियों ने हड़ताल में बैठकर कोलकाता की घटना का विरोध जताया. संगठन के सदस्यों ने कहा कि कोलकाता की घटना की घोर निंदा की जाती है. मांग की जाती है कि जो इस अपराध में जो भी शामिल हैं उन्हें चिह्नित कर उसे फांसी की सजा दी जाय. मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एके सिंह, डॉ अर्णव चक्रवर्ती, डॉ केदार महतो, मुकेश कुमार, प्रताप मिश्रा आदि मौजूद थे.

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