35094 में से महज 800 मनरेगा मजदूरों को ही मिल रहा है प्रतिदिन कार्य
नारायणपुर प्रखंड के 25 पंचायत में मनरेगा से संचालित योजनाओं में शिथिलता देखी जा रही है.
नारायणपुर. राज्य भर के मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थायीकरण एवं मानदेय में वृद्धि की मांग को लेकर मनरेगाकर्मी 20 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसके कारण कई योजनाएं प्रभावित हो रही है. मनरेगाकर्मियों की हड़ताल के कारण बिरसा हरित ग्राम आम बागवानी योजना, अबुआ आवास, टीसीबी, मेढ़बंदी जैसे कई योजनाएं प्रभावित हो रही है. नारायणपुर प्रखंड के 25 पंचायत में मनरेगा से संचालित योजनाओं में शिथिलता देखी जा रही है. अगर नारायणपुर प्रखंड में सक्रिय मनरेगा मजदूरों की बात की जाए तो 35094 हैं जो मनरेगा के विभिन्न कार्यों में कार्यरत थे. पहले प्रति पंचायत लगभग 5000 मजदूर प्रतिदिन कार्य करते थे, लेकिन मनरेगा कर्मियों की हड़ताल में रहने से यह आंकड़ा गिरकर प्रति पंचायत 800 हो गया है. नारायणपुर प्रखंड में कुल 20 मनरेगा कर्मी हैं. इनमें बीपीओ, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, रोजगार सेवक और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल है. हड़ताल को लेकर मनरेगा कर्मियों का कहना है कि हम लोग बरसों से दिन-रात मेहनत कर रहे हैं लेकिन सरकार हमारे भविष्य को लेकर तनिक भी चिंतित नहीं है. सरकार हमारे भविष्य की चिंता करते हुए जब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. इसे विडंबना ही कहें कि मजदूरों के पलायन रोकने के लिए सरकार ने मेढ़बंदी योजना लायी, लेकिन पहले मनरेगा कर्मियों की हड़ताल, उसके बाद पंचायत सचिव और थोड़ी बहुत उम्मीद मुखिया से थी कि वे किसी तरह योजनाओं के क्रियान्वयन में सहभागिता करेंगे, लेकिन वे भी अब हड़ताल में हैं. ऐसे में मनरेगा से जुड़ी योजनाओं में पूरी तरह से ग्रहण लग गया. अब मजदूरों के समक्ष पलायन के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है. क्योंकि त्योहार भी नजदीक है.
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