सोहराय पर्व को लेकर घरों की रंगाई-पुताई जुटे लोग
आदिवासियों का प्रमुख त्योहार सोहराय प्रारंभ होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. जनवरी के दूसरे सप्ताह में इस त्योहार का शुभारंभ होना है.
बिंदापाथर. आदिवासियों का प्रमुख त्योहार सोहराय प्रारंभ होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. जनवरी के दूसरे सप्ताह में इस त्योहार का शुभारंभ होना है. इस कारण अभी से ही आदिवासी समाज इसकी तैयारी में लग गए हैं. महिलाएं अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई में जुटीं हैं. जानकारों की मानें तो सोहराय पर्व के बहाने ही लोग आदिवासी समाज के रहन-सहन के तरीकों को जान व समझते हैं. आदिवासी समाज में रहन-सहन का तरीका औरों से भिन्न है. आदिवासी समाज के लोग कई ऐसे शौक रखते हैं, जो अन्य लोगों में कम ही देखने को मिलते हैं. इसमें सबसे ज्यादा प्रमुख पेंटिंग है. बिंदापाथर क्षेत्र के मोहुलबना, माधवा, मुरहम, लखियाबाद, पुतुलजोड़, चरकादह, पहाड़पुर, सालपातरा आदि गांवों में सोहराय पर्व को लेकर घरों की रंगाई-पुताई की जा रही है. आदिवासी समुदाय के मुख्य त्योहार सोहराय के लिए 1 सप्ताह पूर्व से ही तैयारी की जाती है. 10 जनवरी को बांधना स्नान के साथ सोहराय पर्व प्रारंभ होगा, जो 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन शिकार के साथ समापन होगा.
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