सुचित्रा की सोहराई व कोहबर कलाकृति का लोग कर रहे हैं पसंद

रांची के मोरहाबादी मैदान में चल रहे राष्ट्रीय खादी एवं सरस मेले में जामताड़ा सखी मंडल के दीदियों की सामग्री लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 7:12 PM

जामताड़ा. रांची के मोरहाबादी मैदान में चल रहे राष्ट्रीय खादी एवं सरस मेले में जामताड़ा सखी मंडल के दीदियों की सामग्री लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. जामताड़ा प्रखंड की फूलो-झानो आजीविका सखी मंडल की दीदी सुचित्रा पहली बार सरस मेला में हैंडलूम प्रदत सामग्री लेकर गयीं हैं. वह काफी अच्छा व्यवसाय कर रही हैं. जामताड़ा की सुचित्रा मुर्मू ने आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने को लेकर अपनी सामग्री तैयार की है, जिसमें दीदी को सखी मंडल से 50,000 रुपये की पूंजी प्राप्त हुआ, सरस मेले में अभी तक 12000 रुपये का व्यवसाय कर चुकी हैं और उन्हें काफी ऑर्डर भी मिल रहा है. सुचित्रा ने अपने हाथों से सोहराई एवं कोहबर कला जो संतालों की प्राचीन लोक चित्रकला है, जिसे अपने दीवारों पर संताल महिलाएं बनाती हैं, में प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर सामग्री बनाकर फ्रेमिंग की है. साथ ही मधुबनी पेंटिंग, देवी-देवताओं के संक्षिप्त एवं विकृत रूप होते हैं. मुख्य बात यह है कि लकड़ी के टुकड़े से बनाये गये हैं. रंगों में मिश्रण लाल, हरा, नीला और काला इस पेंटिंग की खूबी है. सुचित्रा की कलाकृति और मेहनत से बने हैंडलूम प्रदत सामग्री लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. मेले में सखी मंडल की दीदी सुचित्रा ने न केवल अपने उत्पादों के जरिए अपनी मेहनत और कला को प्रदर्शित किया है, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ाया है और वह बहुत खुश हैं. दीदी जिला टीम से अपने व्यवसाय को और अधिक विस्तार करने के लिए सहयोग की अपील की है. जेएसएलपीएस की ओर से दी गयी सहायता और इस मंच ने ग्रामीण महिला सुचित्रा को सशक्त बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. रांची में राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव 20 दिसंबर 2024 से 06 जनवरी 2025 तक चलेगा.

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