नाला. उमस भरी गर्मी, तेज धूप और तापमान में वृद्धि से आम जन मानस फिर एक बार परेशान हैं. सुबह नौ बजते ही तेज धूप एवं अत्यधिक उमस से लोगों पसीना से लथपथ हो जा रहे हैं. दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूर ग्यारह बजे के बाद काम करने की हिम्मत जुटा नहीं पा रहे. दिन के तीन बजे के बाद लोगों ने राहत सांस ली. शुक्रवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम 31 डिग्री सेल्सियस रहा. इस उमस भरी गर्मी एवं शरीर से अत्यधिक पसीना निकलने से लू की चपेट में आने से इंकार नहीं किया जा सकता. चार पहिया वाहन को छोड़ इक्का-दुक्का साइकिल व बाइक सवार ही दिखाई पड़ते हैं. इस भीषण गर्मी की वजह से लोग अपने अपने घरों से बाहर पेड़ की छांव में शरण लेने के लिए मजबूर हैं. वहीं दस बजे के बाद मुख्य सड़क में धीरे-धीरे सन्नाटा पसर जाता है. ग्यारह बजते ही सभी दुकानों के शटर बंद हो जाते हैं जो चार बजे के बाद ही खुलता है. ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े-बड़े पुराने तालाब, जोरिया, नदी के सूखने के कारण जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस कारण गांवों में पेयजल संकट उत्पन्न होने लगा है. तालाब एवं जोरिया सूखने से मवेशियों एवं पशु पक्षियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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