मुरलीपहाड़ी. प्रचंड गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. धूप की तपिश और उमस के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है. मंगलवार को अधिकतम तापमान 39 डिग्री रहा, जिससे मानव तो मानव पशु, पक्षी भी बूंद-बूंद पानी और छाया के लिए विवश रहे. नदी, तालाब, खुले मैदानी भाग में पानी सूखने के कगार पर है. ऊपर से झुलसा देने वाली गर्मी इतनी बढ़ गयी है कि आसपास के पोखर और तालाब सूखने के कगार पर हैं. कुआं का जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है. गड्ढों के पानी में घुमंतू जानवर लेट कर अपने तन बदन की तपिश मिटा रहे हैं. मानसून का अभी तक कोई उम्मीद नजर नहीं आ रहा है. लोगों को पेयजल के लिए हैंडपंप एवं कुआं पर निर्भर रहना पड़ रहा है. किसानों के लिए मवेशी बड़ी पूंजी के समान है. ऐसे में मवेशियों के भोजन, पानी, नहलाने, धुलाने में परेशानी बढ़ गयी है. जागरूक लोग पशु पंक्षियों के लिए घर के बाहर और छतों पर पानी व दाना रखना शुरू कर दिये हैं.
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