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महिला हिंसा के प्रति रोकथाम घरों से प्रारंभ करने की जरूरत : वक्ता

चित्तरंजन रेलवे मेंस यूनियन की ओर से रेलनगरी के आर-7 मार्केट में विश्व महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2024 9:39 PM

मिहिजाम. चित्तरंजन रेलवे मेंस यूनियन की ओर से रेलनगरी के आर-7 मार्केट में विश्व महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में महिला हिंसा के प्रति जागरुकता पर बल प्रदान किया गया. रेलवे मेंस कांग्रेस के महिला विंग के सदस्यों ने मौके पर कहा कि महिलाओं के प्रति हिंसा की घटनाएं विश्वस्तर पर कम नहीं हो रही है. प्रियंका राय ने कहा वर्तमान समय में भी महिलाओं को हिंसात्मक घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है. यह हिंसात्मक घटनाएं प्रताड़ना, कार्यस्थल व घरेलू दोनों स्तर पर अलग अलग स्वरूप में है. इसके विरुद्ध हम सभी को एकजुट होकर लड़ाई करना होगा. अन्यथा प्रत्येक साल ऐसा आयोजन केवल औपचारिकता रह जायेंगी. महिला हिंसा के प्रति रोकथाम की शुरुआत अपने घरों से प्रारंभ करने की आवश्यकता है. घर से ही लड़कों व लड़कियों को गुड टच या वैड टच के बारे में जागरूक करने की जरूरत है. अंजली विश्वास ने कहा कार्यस्थल पर एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है. ऐसे माहौल को तैयार करना होगा जिसमें लिंग भेद को लेकर किसी अप्रिय स्थिति का सामना किसी को न करना पड़े. कार्यस्थल पर पुरुषों के द्वारा महिला कर्मी के लिए द्वअर्थी भाषा का प्रयोग किया जाता है. इसका उचित तरीके से इसका प्रतिरोध किया जाना चाहिए, जिससे इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है. कहा कि पुरुष एवं स्त्री दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, लेकिन कुछ व्यक्तियों के विकृत मानसिकता के कारण ऐसे हालात पैदा होते हैं. घरों में बाल्यकाल से ही बच्चों को इसके प्रति शिक्षित करने की आवश्यकता है. इंटक महासचिव इंद्राजीत सिंह ने कहा कि यूनियन प्रत्येक साल इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करती है. यूनियन की महिला सदस्य महिलाओं के हिंसा से संबंधी कोई समस्या आने पर समाधान भी करती रही है. गतवर्ष चिरेका अस्पताल में दो महिलाकर्मी के साथ दुर्व्यवहार की घटना पर इंटक ने इसका प्रतिरोध किया था, जिसके परिणाम स्वरूप चिकित्सक को पद से हटाया गया. इस घटना के विरोध में यूनियन को भी प्रशासनिक सजा का सामना करना पड़ा है, लेकिन यूनियन ने कभी भी महिला सम्मान के चोट पर विरोध से पीछे नहीं रहा है. यूनियन के सभी सदस्य एक परिवार की तरह हैं जिसमें सभी एक दूसरे के सुख-दुख में सहभागी बनते हैं.

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