चिरेका में विभागों को आउटसोर्सिंग का किया विरोध
चिरेका के श्रमिक संगठनों ने निकाली रैली
चिरेका के श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से निकाली रैली फोटो- 07 विरोध रैली के मौके पर यूनियन के सदस्य प्रतिनिधि, मिहिजाम चिरेका में बढ़ते आउटसोर्सिंग को लेकर श्रमिक संगठनों ने एकजुट होकर चिरका बचाव का संदेश दिया है. शुक्रवार को विभिन्न श्रमिक संगठनों ने संयुक्त रूप से विरोध रैली का आयोजन कर चिरेका में आउटसोर्सिंग पर चिंता जतायी एवं इस पर रोक लगाने की मांग की. श्रमिक संगठनों का कहना था कि चिरको को चालू वित्तीय वर्ष में 700 इंजनों के निर्माण का लक्ष्य रेलवे बोर्ड ने दिया है, लेकिन इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मैन पावर बढ़ाने के बजाय चित्तरंजन रेलवे कारखाना आउटसोर्सिंग एवं ऑफ लोडिंग से इस लक्ष्य को प्राप्त करने की इच्छा रखता है. ऐसे हालात में चिरेका कारखाना पूरी तरह आउटसोर्सिंग की तरफ आगे बढ़ रहा है. श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि विरोध प्रदर्शन में बुनियादी ढांचे में सुधार और रिक्तियां भरने की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि अधिकारी बाहर से मजदूरों को लाने के अलावा दूसरा कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. चिरका को कहा गया है कि किसी भी तरह से उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करना है. इससे श्रमिकों में डर फैल गया है. मजदूर संघ के राजीव गुप्ता एवं इंटक के महासचिव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि रेलवे कर्मचारी अब तक अन्य रेलवे कारखाने के साथ प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे, लेकिन अब उन्हें ठेका श्रमिकों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी. रेलवे कर्मचारियों के बगल में ठेका श्रमिक कारखाने के अंदर काम करेंगे. नियमित श्रमिकों पर दबाव डालकर अतिरिक्त इंजन का उत्पादन किया जा रहा है, लेकिन इसका लाभ श्रमिकों को नहीं मिल रहा है. विरोध रैली को प्रदीप बनर्जी, अमित मुलगी, प्रसून बनर्जी, के पांडे, सौगत भट्टाचार्य, सुभाष ब्रह्मा सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया. विरोध रैली में स्टील फाउंड्री के बंद होने, श्रमिक संगठनों के अधिकारों में कटौती, श्रमिक यूनियन के नेताओं को दंडित करने, विद्युत विभाग एवं सिविल इंजीनियरिंग विभाग का निजीकरण तथा चिरको के पॉकेट गेट को बंद करने के मसले पर विरोध जताया गया. मौके पर चिरेका के डिप्टी सीपीओ अमिताभ चौधरी को एक ज्ञापन सौंपा है.
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