विद्यासागर. करमाटांड़ प्रखंड के राम मंदिर ठाकुरबाड़ी प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा में रविवार को तीसरे दिन रात व्यास पीठ से कथावाचक सुमन जी महाराज ने कथा सुनायी. इस दौरान शिव विवाह और उससे संबंधित प्रसंगों का वर्णन कर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया. कहा कि राम कथा का आनंद तभी है, जब वक्ता और श्रोता दोनों सुर, लय, ताल मिलाकर कथा का रसपान करें. प्रेम प्रकट हो जाये तो परमात्मा खुद प्रकट हो जायेंगे. कहा कि सिद्ध होने की आवश्यकता नहीं है, शुद्ध होने की जरूरत है. कथावाचक ने कहा कि भगवान के सीसीटीवी कैमरे से डरिये. उनका कैमरा हर जगह लगा है, जिसमें हमारे सारे कर्म रिकॉर्ड हो जाते हैं. इसीलिए अपने कर्म पर हमेशा ध्यान रखना चाहिए. कथा के तीसरे दिन शिवजी के बारात की कथा सुनाते हुए कहा कि शिवजी के गण शृंगार करने में लग गये. जटाओं का मुकुट बनाकर उस पर सांपों का मौर सजाया गया. शिवजी ने सांपों का ही कुंडल व कंगन पहने, शरीर व विभूति रमाई और वस्त्र की जगह बाघ का खाल लपेटकर बारात लेकर पहुंचे. जिसे देख नगरवासी आश्चर्यचकित हो गये. शिवजी को इस रूप में देखने के लिए अनेक देवी-देवता पहुंचे थे. आरती के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया. मौके पर महान किशोरी बाबा महिला मंडली के सदस्य एवं भक्त मौजूद थे.
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