12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

12 साल से नहीं बनी आईआरबी कैंप जाने वाली सड़क, बारिश में चलना हुआ दूभर

Jharkhand news, Jamtara news : विपरीत परिस्थिति में जिला के माहौल को नियंत्रित करने में जिला पुलिस के साथ हमेशा खड़ा रहने वाले आईआरबी के जवान को अपने ही कैंप में जाने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है. वर्षों से यहां के जवानों की मांग या यूं कहें कि इस कैंप को पक्की सड़क की जरूरत है. 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी न सरकार को यह जरूरत समझ में आयी और न ही जिला प्रशासन को. 2 किमी कच्ची सड़क को बरसात के दिनों में पार करना काफी दूभर हो जाता है. आईआरबी जवानों की तकलीफ भले ही सरकार और जिला प्रशासन को नहीं दिखा, लेकिन दुमका सांसद सुनील सोरेन ने इसे गंभीरता से लिया है. सांसद सुनील ने ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव से पत्राचार कर पक्की सड़क निर्माण की मांग की. साथ ही इसे जनहित में आवश्यक बताते हुए कैंप तक सड़क निर्माण की दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही.

Jharkhand news, Jamtara news : जामताड़ा : विपरीत परिस्थिति में जिला के माहौल को नियंत्रित करने में जिला पुलिस के साथ हमेशा खड़ा रहने वाले आईआरबी के जवान को अपने ही कैंप में जाने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है. वर्षों से यहां के जवानों की मांग या यूं कहें कि इस कैंप को पक्की सड़क की जरूरत है. 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी न सरकार को यह जरूरत समझ में आयी और न ही जिला प्रशासन को. 2 किमी कच्ची सड़क को बरसात के दिनों में पार करना काफी दूभर हो जाता है. आईआरबी जवानों की तकलीफ भले ही सरकार और जिला प्रशासन को नहीं दिखा, लेकिन दुमका सांसद सुनील सोरेन ने इसे गंभीरता से लिया है. सांसद सुनील ने ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव से पत्राचार कर पक्की सड़क निर्माण की मांग की. साथ ही इसे जनहित में आवश्यक बताते हुए कैंप तक सड़क निर्माण की दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही.

3 किमी दूरी तय करने में लगता है लगभग आधा घंटा

नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र के झिलुआ गांव स्थित इंडियन रिजर्व बटालियन प्रथम वाहिनी (IRB) की कैंप तक पहुंचने के लिए आज भी कच्ची सड़क से गुजरना पड़ रहा है. लगभग 12 वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी गोविंदपुर- साहिबगंज हाइवे सड़क स्थित केन्दुआटांड़ से सांवलापुर होकर कैंप तक जाने के लिए पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. आईआरबी प्रथम वाहिनी के गठन के बाद वर्ष 2008 में झिलुवा में बने नवनिर्मित कैंप में जवानों को शिफ्ट किया गया था. झिलुवा गांव से गोविंदपुर- साहिबगंज मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर के रास्ते तय करने में आधा घंटा का समय लगता है.

अबिलंब सड़क निर्माण करवाने की उठी मांग

आईआरबी कैंप, झिलुआ में शुक्रवार को संक्रमित मरीज को आइसोलेट करने के लिए लेने गये 2 एंबुलेंस कीचड़ में फंस गया. काफी मशक्कत के बाद रात लगभग 10.00 बजे एक एंबुलेंस को तो कीचड़ से निकाला गया, लेकिन दूसरा एंबुलेंस वहीं फंसा रहा. जिसकी वजह से मरीजों को कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल, उदलबनी लाने में काफी परेशानी हुई. बता दें कि शुक्रवार को एक साथ 10 संक्रमित मरीज मिलने के बाद शाम 4.00 बजे 2 एंबुलेंस भेजा गया था. वहीं, दूसरे एंबुलेंस को शनिवार को जेसीबी की मदद से निकालने में कामयाबी मिली थी. काफी मशक्कत कर दोपहर लगभग 12.00 बजे बाद उक्त एंबुलेंस को कीचड़ से निकालने में स्वास्थ विभाग के कर्मी एवं आईआरबी कैंप के जवानों को सफलता मिली.

Also Read: लगातार बारिश से जामताड़ा में तालाब की मेड़ टूटी, कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग भूल मछली पकड़ने दौड़ पड़े ग्रामीण
सड़क निर्माण को लेकर पास हो चुका है नक्शा : सुनील कुमार सिंह

पुलिस मेंस एसोसिएशन के केंद्रीय सदस्य सुनील कुमार सिंह ने कहा कि सड़क निर्माण को लेकर नक्शा पास हो चुका है. पूर्व डीसी के समय एसपी के सहयोग से बेहतर कार्य हुआ था, लेकिन उनके तबादले के बाद कार्य रूक गया है. जवानों को बरसात के दिनों में आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कोरोना संक्रमित मरीज जवानों को लेने आयी एंबुलेंस लगभग 20 घंटे कीचड़ में फंसी रही. जेसीबी की सहायता से एंबुलेंस को निकाला गया. यह स्थिति अपने आपमें बताने के लिए काफी है.

मेरे संज्ञान में है मामला : डीसी

डीसी फैज अक अहमद मुमताज कहते हैं कि सड़क संबंधित मामला मेरे संज्ञान में है. इस संदर्भ में डीडीसी को सड़क निर्माण कार्य में जो भी इश्यू है उसे देखते हुए आगे की कार्रवाई करने को कहा गया है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें