विद्यासागर. सरस्वती विद्या मंदिर विद्यासागर में विज्ञान मेला सह पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कक्षा चतुर्थ से 12वीं तक के छात्र-छात्रों ने विज्ञान से संबंधित प्रदर्शन किया. लगभग 100 मॉडल बनाये. सभी छात्रों ने एक से बढ़कर एक प्रदर्शन बनाकर प्रस्तुत किया. बतौर मुख्य अतिथि विद्यासागर संकुल संयोजक जगत कुमार ने कहा कि इस प्रकार के प्रदर्शनी से बच्चों में सृजन की कला का विकास होता है. यही बालक आगे चलकर रामानुजन और सीवी रमन जैसे वैज्ञानिक बनते हैं. विद्यालय परिसर में आकर मुझे ऐसा लगा कि मैं किसी बड़े प्रयोगशाला में आ गया हूं. सभी बालकों का मॉडल सराहनीय रहा. प्रधानाचार्य कृष्ण कांत दुबे ने कहा कि विद्यार्थियों में सृजन कला की क्षमता का विकास होता है. नये-नये प्रयोग से नयी जानकारियां प्राप्त होती है. यही आगे चलकर नये आविष्कारक बनाते हैं. संकुल संयोजक नंदलाल ने बताया कि विद्या भारती योजना में बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए इस प्रकार की प्रतियोगिताएं होती है. पूर्व में केवल विज्ञान से संबंधित ही प्रोजेक्ट बनाए जाते थे. प्रतियोगिता के जज के रूप में आसपास के विद्यालयों के शिक्षक शामिल हुए. प्रदर्शनी के पश्चात शिशु वर्ग, बाल वर्ग एवं किशोर वर्ग के सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया. विज्ञान मेला में लगे स्टॉल में सबसे आधुनिक स्टॉल के छात्रा को भी पुरस्कृत किया गया. मौके पर विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गोविंद मंडल, अध्यक्ष चंदन मुखर्जी, संरक्षक विजय वैद्य, प्रभारी श्यामल किशोर झा, प्रधानाचार्य शक्ति गोस्वामी आदि थे.
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