श्रीमद्भागवत गीता मनुष्य को कर्म योगी बनाता है : कथावाचक

कालुपहाड़ी गांव स्थित बजरंगबली मंदिर परिसर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सह प्रवचन गुरुवार को भी जारी रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 30, 2025 9:19 PM

बिंदापाथर. कालुपहाड़ी गांव स्थित बजरंगबली मंदिर परिसर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सह प्रवचन गुरुवार को भी जारी रहा. वृंदावन धाम के कथावाचक गोपाल नंदन महाराज ने राजा परीक्षित को शुकदेव का उपदेश, ध्रुव चरित्र, विदुर प्रसंग, हिरण्य कश्यप बध आदि का वर्णन किया. कथावाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता एक ऐसा धर्म ग्रंथ है जो मनुष्य को कर्म योगी बनने के लिए प्रेरित करता है. इतिहास के महानतम लोग चाहे वैज्ञानिक, इतिहासकार, ऋषि मुनि, दार्शनिक या कोई भी रहे हों, उन्होंने गीता को सफलता का रहस्य बताया है. सही मायने में मनुष्य जीवन की जो सच्चाई है उसकी झलक आपको योगीराज श्रीकृष्ण के उपदेशों में है. श्रीमद्भागवत जो भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य का परमोपदेशक ग्रंथ-रत्न है. हिरण्य कश्यप बध प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि हिरण्य कश्यप नामक दैत्य ने घोर तप से संतुष्ट हो भगवान ब्रह्मा प्रकट हुए व हिरण्य कश्यप को वरदान मांगने को कहा. दैत्य ने भगवान से कहा कि मुझे ऐसा वरदान दीजिए कि मैं न दिन में, न रात में मरूं, न अंदर न बाहर, न कोई हथियार काट सके, न अग्नि जला सके. ब्रह्मा ने हिरण्य कश्यप को वरदान दे दिया. तत्पश्चात उसे मारने का प्रयत्न आरंभ कर दिया. भगवान ने नरसिंह अवतार जिसका धड़ मनुष्य का व सिर सिंह का था. गोधुली बेला में हिरण्य कश्यप का बध किया.

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