छात्राओं ने बायोफ्लॉव टैंक में मछली पालन का बताया तरीका
कृषि महाविद्यालय की छात्राओं ने ग्रामीण कृषि कार्य का अनुभव किया साझा
फोटो – 02 लोगों को जानकारी देतीं छात्राएं जामताड़ा. तिलका मांझी कृषि महाविद्यालय, गोड्डा के अंतिम वर्ष की छात्राओं ने ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के तहत जामताड़ा के बेना गांव में बायोफ्लॉव टैंक में मछली पालन के तकनीक के बारे में बताया. छात्राओं ने इसे एक नयी तकनीक बताया. कहा कि इसमें कम जगह में ही छह महीने में करीब तीन से चार क्विंटल मछली का उत्पादन हो सकता है. मछलियां जितना खाती है उसका 75 प्रतिशत मल के रूप में शरीर से बाहर निकाल देती है. इस मल को बायोफ्लॉक बैक्टीरिया प्रोटीन में बदलने का काम करती है. मछलियां खा जाती है, जिससे उनका विकास बेहद तेजी से होता है. मौके पर पल्लवी कुमारी, विदिशा घोष, लवली कुमारी, प्राची प्रतीक, प्रेरणा भारती आदि मौजूद थीं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है