जामताड़ा. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ जिला इकाई की बैठक शनिवार को मध्य विद्यालय गायछांद में हुई. अध्यक्षता राज्य उपाध्यक्ष वाल्मीकि कुमार ने की. राज्य उपाध्यक्ष ने कहा कि सभी शिक्षकों को संघ की एकजुटता से सभी प्रकार की समस्याओं का निदान करने में सफलता मिलेगी. कहा नियमित बैठक प्रखंड एवं जिला में होना अतिआवश्यक है. जिले में शिक्षा का स्तर ऊंचा हो, इसके लिए सभी शिक्षकों को अपनी कार्यशैली में गुणवत्ता लाना जरूरी है. परंतु गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्ति जरूरी है. जिला महासचिव हरिप्रसाद राम ने सभी प्रखंडों के अध्यक्ष, सचिवों को अपनी कार्यशैली में सुधार करते हुए सभी शिक्षकों के हर समस्या का समाधान के लिए तत्पर रहने को कहा. कहा कि यदि प्रखंडों में समाधान नहीं होने पर तुरंत जिले के पदाधिकारियों को लिखित में सूचना देनी है. सभी प्रखंडों के शिक्षकों की जो भी परेशानी है उसे अजप्टा ही समाधान दे सकता है. उपाध्यक्ष राकेश कांत रोशन, विजय कुमार सिंह एवं संजय प्रसाद सिंह ने कहा कि अजप्टा कल भी सशक्त था, है और भविष्य में भी रहेगा. संगठन मंत्री द्वारिका राम ने कहा कि संगठन में किसी प्रकार के जाति, धर्म, बैच, नहीं, बल्कि एक साथ शिक्षकों का कल्याण है. जिला प्रवक्ता दिनेश करमाली ने कहा कि जिले में शिक्षकों की भारी कमी है. पदाधिकारी विद्यालय निरीक्षक में उपलब्ध शिक्षक पर ही ठीकरा फोड़ते हैं, जबकि शिक्षक विद्यालय अवधि में कार्य तो करते ही हैं इसके साथ-साथ घर पर भी विद्यालय के कार्य को करते हैं. अधिकारी उन्हें शाबाशी ना देकर प्रताड़ना ही करते हैं. अत्यधिक गैर शैक्षणिक कार्य होने के कारण गुणवत्ता वाली शिक्षा पर बातें करना कहीं से उचित नहीं लगती है. संयुक्त सचिव अमरनाथ दास, सुधीर कुमार एवं राजेश कुमार सिन्हा ने भी संबोधित किया. मौके पर शिवपूजन शर्मा, अक्षय कुमार दास, कृष्णा चंद्र रजक, मुकेश कुमार शर्मा, सुधीर कुमार, कुमारी प्रियंका , संजय प्रसाद सिंह, अमरनाथ दास, अजय कुमार सिंह, सरोज कुमार खरवार, रामचंद्र सिंह, राजेश कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह, उदय नारायण प्रसाद ,रंजीत कुमार, राधा विनोद मंडल, महेंद्र प्रसाद चौधरी, विमल कुमार सिंह, दुर्गेश कुमार दुबे, राखी कुमारी आदि मौजूद थे. बैठक में लिए गये प्रस्ताव : कुंडहित बीआरसी में कार्यरत कर्मियों की ओर से किए जा रहे शिक्षकों के शोषण, दोहन को समाप्त करना, 2004 बैच के बचे शिक्षकों की नियुक्ति तिथि का निर्धारण करवाना, शिक्षकों की सेवा संपुष्टि कार्य पूर्ण करवाना. प्राथमिक, मध्य एवं उत्क्रमित उच्च विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों के काम के बोझ को कम करवाते हुए उनके तनाव को यथासंभव कम करवाना. अंचलों में अंचल कमेटियों की सक्रियता बढ़ाना, हर महीने आयोजित होने वाले गुरुगोष्ठियों में शिक्षकों के हित में आवाज उठाना, गैर शैक्षणिक कार्यों का विरोध करना एवं शैक्षणिक अंचल कार्यालयों पर अंकुश बनाये रखना आदि प्रस्ताव लिया गया.
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