बिंदापाथर.
जलांई गांव में बाबा धर्मराज पूजा को देखने के लिए सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा. यहां पिछले दो दिनों से जामताड़ा जिला के अलावा देवघर, दुमका और बंगाल के निकटवर्ती क्षेत्रों से पहुंचे दुकानदार एवं महिला-पुरुष श्रद्धालु सिर्फ श्रद्धा, भक्ति और सद्भावना से भरे हुए हैं. धर्मराज पूजा सह गाजनोत्सव के मुख्य दिन सुबह करीब पांच बजे मुख्य पुजारी बैद्यनाथ झा एवं विकास झा द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान धर्मराज की विशेष पूजा आराधना की. पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. विशेषकर तेल-घी का दीपक, मिट्टी का घोड़ा, कमल फूल, रबड़ी आदि प्रसाद चढ़ाने का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि बाबा धर्मराज के दरबार में घोड़ा अर्पण करने से संतान भी बलशाली और निरोग रहते हैं. पूजा के उपरांत मनोवांछित लेकर व्रती समुदाय बाबा की उपासना में दिनभर मग्न रहते हैं.दंडवत प्रणाम कर मंदिर पहुंचते हैं श्रद्धालु :
इस मौसम में कड़ी धूप और गरमी के बावजूद दंडवत प्रणाम करने का सिलसिला जारी रहा. मंदिर के निकटस्थ जलाशय से महिला और पुरुष श्रद्धालुओं ने दंडवत प्रणाम के साथ मंदिर की परिक्रमा करते हुए पूजा-अर्चना की.कलश यात्रा का आयोजन :
इस अवसर पर महुआ पानी चढ़ाने का विशेष महत्व है. वर्षों पुरानी परंपरा एवं आस्था के अनुरूप स्वस्थ रहने, सुखी रहने, संतान प्राप्त करने आदि अपनी मुरादें पूरी होने के लिए जलांई गांव के दास टोला स्थित अति प्राचीन धर्मराज मंदिर से भोक्ता एवं महिला श्रद्धालुओं द्वारा माथे के ऊपर तीन से पांच छोटा कलश में महुआ पानी भरकर कलश यात्रा का आयोजन किया गया. बाबा धर्मराज मंदिर में यह पूजा सामग्री अर्पण करते हुए व्रती काफी उत्साहित दिखे. इस दौरान मेला में खरीदारी के लिए काफी भीड़ उमड़ी. पूर्व की तरह बाबा धर्मराज के भोक्ता द्वारा नुकीले तार से अंग छेद मंदिर की परिक्रमा की गयी. देर रात को फुलखेला यानी ज्वलंत अंगार के ऊपर उछलने के अलावा कांटे पर चलने जैसे हैरतअंगेज करतब बाबा के भोक्ता द्वारा दिखाया गया. इसके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. बाबा धर्मराज मंदिर परिसर में आयोजित गाजनोत्सव सह मेला में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंदिर कमेटी के सदस्य काफी सक्रिय दिखे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है