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जिले के 39 स्कूलों के प्रभारी एचएम ने अपने पद से दिया सामूहिक त्याग-पत्र

जिले में वर्ष 2024 में मैट्रिक, इंटर का रिजल्ट अपेक्षाकृत कम आने पर डीइओ डॉ गोपाल कृष्ण झा ने 39 स्कूलों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों का वेतन अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है.

जामताड़ा. जिले में वर्ष 2024 में मैट्रिक, इंटर का रिजल्ट अपेक्षाकृत कम आने पर डीइओ डॉ गोपाल कृष्ण झा ने 39 स्कूलों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों का वेतन अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है. इसके विरोध में प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिले के सभी प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने अपने प्रभारी के पद से त्याग-पत्र दे दिया है. प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने डीइओ डॉ गोपाल कृष्ण झा को मंगलवार को सामूहिक रूप से त्याग-पत्र सौंपा. डीइओ को दिये पत्र में प्रभारी प्रधानाध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार यादव, जिला सचिव सुधीर सोरेन आदि ने कहा है कि विगत दिनों पत्र के माध्यम से जिले के 39 विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों का वेतन स्थगित करने का निर्देश जारी किया गया था, जो खेद का विषय है. कहा वार्षिक परीक्षा परिणाम-2024 मैट्रिक व इंटरमीडिएट में जिले का औसत रिजल्ट कमतर आने का कुल 39 विद्यालयों के पास अपना-अपना वाजिब कारण है. जिसकी व्याख्या विभाग की समीक्षा बैठक में की गयी है. बावजूद जबरन वेतन बंद करना समझ से परे हैं. कहा है संगठन स्तर पर भी कमतर रिजल्ट के लिए समीक्षात्मक बैठक की गयी थी, जिसमें खराब रिजल्ट होने के पीछे कई कारण हैं.

परीक्षा परिणाम में गिरावट का करण विषयवार शिक्षकों को न होना

इसका मुख्य कारण विषयवार शिक्षकों का न होना. कई विद्यालयों में टीजीटी शिक्षकों का न होना. विभाग द्वारा विषयवार शिक्षकों को आवासीय प्रशिक्षण में भेजना, जिसमें कई-कई दिनों तक कक्षाओं का कम होना, एनजीओ की ओर से कक्षा स्थगित करवाकर उनके प्रोग्राम को संचालित करना, विभाग की ओर से वोटर कार्ड निर्माण के लिए एक-एक महीने तक गांव-गांव तक शिक्षकों को भेजना, जिसमें कक्षाएं पूरी तरह प्रभावित हुई. गुरुजी क्रेडिट कार्ड, सावित्री बाई फुले किशोरी योजना, छात्रवृति, साइकिल आदि योजनाओं को सफल करवाने के लिए विद्यालय प्रधानाध्यापक सहित दो- दो शिक्षकों का उसमें लगा रहना, जिसमें पढ़ाई प्रभावित हुई. जैक की ओर से 20 दिन पहले ही परीक्षा ले लेना, जिसमें पाठ्यक्रम पूरा ही नहीं हुआ. बच्चों का नियमित विद्यालय न आना और 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति होना आदि है. लोकल दबाव के कारण फॉर्म भरने से परीक्षा परिणाम में खराब होना है.

प्रभारी एचएम ने प्रभार से की है मुक्त करने की मांग

कहा है कि विभाग के सभी कार्यों का संपादित करने वाले बिना अतिरिक्त वित्तीय लाभ लिए कार्य करने वाले प्रभारी प्रधानाध्यापक व्यथित होकर अपने प्रभारी पद से सामूहिक त्याग-पत्र का आवेदन डीइओ की सेवा में प्रस्तुत किया गया है, जिसे स्वीकार कर उन सभी को प्रभार मुक्त करने की मांग की गयी है. ताकि मानसिक तनाव से मुक्त हो सकें. मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापक उत्तम कुमार मंडल, अभिजीत लायक, जगन्नाथ मंडल, लक्ष्मण मंडल, दुलाल आदि थे. बता दें कि जिले भर में 65 हाइस्कूल व प्लस टू स्कूल हैं, जिसमें एक भी स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं है. सभी स्कूलों में प्रभार से ही काम चल रहा है, जिस कारण शिक्षकों का लगातार दबाव बन रहा है. वहीं डीइओ को दिये सामूहिक त्याग-पत्र में करीब 52 प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने हस्ताक्षर किये हैं. क्या कहते हैं डीइओ-

जिले के सभी उच्च विद्यालय, प्लस टू के प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने अपने प्रभारी पद से त्याग पत्र सौंपा है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि तत्काल अपने प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत रहेंगे और कार्याें का निष्पादन करते रहेंगे. 20 जून को एसपीडी जेइपीसी रांची में समीक्षात्मक बैठक है. उक्त बैठक के उपरांत ही प्रभारी प्रधानाध्यापकों के त्याग-पत्र व स्थगित वेतन के निर्देश पर किसी प्रकार का निर्णय लिया जायेगा.

– डॉ गोपाल कृष्ण झा, डीइओ, जामताड़ा.

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