पत्नी हैं जनप्रतिनिधि, पर पति बैठक में करते हैं सवाल जवाब

सरकार और समाज भले ही महिलाओं की भागीदारी की लंबी चौड़ी बातें करता हो, लेकिन धरातल पर यह दिखता नहीं है, ज्यादातर जगहों पर पुरुषों का दबदबा देखने को मिलता है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2024 7:47 PM

नारायणपुर. सरकार और समाज भले ही महिलाओं की भागीदारी की लंबी चौड़ी बातें करता हो, लेकिन धरातल पर यह दिखता नहीं है, ज्यादातर जगहों पर पुरुषों का दबदबा देखने को मिलता है. वैसे भी नारायणपुर में महिला जनप्रतिनिधि केवल हस्ताक्षर के लिए ही जानी जाती हैं. लोग पति को ही जनप्रतिनिधि कहकर बुलाते हैं. यहां तक तो ठीक है, लेकिन जब विभागीय बैठक में सवाल जवाब करने की बारी आती है तो महिला जनप्रतिनिधि या तो अनुपस्थित रहती हैं या फिर उपस्थित रहकर भी उनके पति ही विभाग से सीधे तौर पर सवाल जवाब करते हैं. दरअसल बुधवार को नारायणपुर प्रखंड कार्यालय सभागार में पंचायत समिति सदस्य की मासिक बैठक प्रमुख अंजना हेंब्रम की अध्यक्षता में हुई. बैठक में बीडीओ मुरली यादव, बीपीओ वाणीव्रत मित्रा, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी और कर्मी मौजूद थे. इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पेयजल एवं स्वच्छता, मनरेगा, 15वीं वित्त की योजनाओं की समीक्षा की गयी. कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश भी दिए गए. बैठक में विभिन्न विभागों के कर्मियों को देखा गया, लेकिन सवाल जनप्रतिनिधि नहीं उनके पति कर रहे थे. हालांकि लाचार और व्यवहार संबंधित विभाग के कर्मी जवाब जरूर दे रहे थे. बैठक में यह बात सामने आई की कई विभाग के पदाधिकारी शोकॉज का जवाब नहीं देते हैं. बीडीओ ने कहा विभाग के वरीय पदाधिकारी को इस विषय से अवगत कराया जायेगा. वहीं बैठक में चैनपुर आयुर्वेदिक केंद्र में चिकित्सक नहीं होने का मुद्दा उठा. पोशाक वितरण में गड़बड़ी का मामला भी जोर-शोर से गरमाया रहा. नारायणपुर पंचायत समिति सदस्य पवन पोद्दार ने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में मनमानी तरीके से नामांकन हो रहा है. इस पर विभाग को संज्ञान लेना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए, जिस पर बीइइओ ने कहा कि यह विषय काफी गंभीर है. मैं इसकी खुद जांच करुंगा. बैठक में यह बात भी सामने आई है कि लाखों का 59 पंपसेट के लिए चयन भूमि संरक्षण विभाग से किया गया है, जिनका सत्यापन पंचायतस्तर पर पंचायत सचिव एवं रोजगार सेवक करेंगे. पंचायत समिति सदस्यों ने कहा लाभुकों चयन कैसे हुआ. इसकी जानकारी पंचायतस्तरीय जनप्रतिनिधि को नहीं है. मनरेगा से 610 कुएं का स्वीकृत हुआ जिस पर काम हो रहा है. इन सबके बीच हर बैठक में महिला जनप्रतिनिधि के पति विभाग के अधिकारी और कर्मी से आंख दिखाकर बड़े तेवर के साथ बातचीत करते हैं. हालांकि विभाग का साफ तौर पर निर्देश है कि जनप्रतिनिधि की जगह कोई और काम नहीं कर सकता. यहां तो सवाल जवाब कर रहे हैं. बैठक में विभिन्न गांव के कर्मी और अधिकारी मौजूद थे.

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