विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति में झोल, गुरुजी को चाहिए हकमारी का मोल
नारायणपुर शैक्षणिक अंचल में संचालित विद्यालयों में गड़बड़झाला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
नारायणपुर. नारायणपुर शैक्षणिक अंचल में संचालित विद्यालयों में गड़बड़झाला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अपनी लचर व्यवस्था के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाला नारायणपुर शैक्षणिक अंचल के कई विद्यालयों में बच्चों की हकमारी के लिए निरंतर कई कारनामे हो रहे हैं. प्रभात खबर ने मंगलवार को नारायणपुर शैक्षणिक अंचल के दो विद्यालयों का पड़ताल किया. प्रभात खबर की टीम मंगलवार दोपहर 1:00 बजे उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तारासठिया पहुंची. विद्यालय में मौजूद सहायक अध्यापक रफीक अंसारी ने बताया कि विद्यालय के प्रभारी सचिव गफ्फार अंसारी निर्वाचन से संबंधित पत्र लेने के लिए बीआरसी गए हैं. उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 93 है. रजिस्टर में मंगलवार को 77 बच्चों की उपस्थिति बनी है. इसके महज 5 मिनट बाद लगभग 1:05 बजे बच्चे बरामदे में एमडीएम खाने के लिए बैठे. यहां इनकी संख्या लगभग 20 थी. एमडीए में दाल, चावल और आलू-मूली का सब्जी बना था. शायद सब्जी और दाल का स्वाद ठीक नहीं था, इसलिए बच्चे जलजीरा मिलाकर खा रहे थे. विदित हो कि इस विद्यालयों में इक्को क्लब के लिए 3,500 रुपये, 2500 रुपये विकास मद, 500 रुपये खेल-कूद और 18000 रुपए पहले और दूसरी कक्षा के ड्रेस के लिए राशि की निकासी किसी वेंडर के खाते में हो गयी है. विद्यालय में ना तो पेड़-पौधे लगे हैं, विकास मद की राशि कहां खर्च हुए दिख नहीं रहा. पहली और दूसरी कक्षा बच्चे स्कूल ड्रेस में नहीं आए थे. सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है राशि तो निकली, लेकिन वह वेंडर और गुरु जी तक ही सीमित रह गयी. अब बिना कार्य के ही राशि निकल गयी है तो इसमें साठ-गांठ जरूर होगी. बांसपहाड़ी में एक शिक्षक बच्चों की कर रहे थे रखवाली प्रभात खबर की टीम दिन के 1:30 बजे उत्क्रमित मध्य विद्यालय बांसपहाड़ी पहुंची. यहां मौजूद शिक्षक मुकुंद मुर्मू ने बताया कि विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 113 है. उन्होंने बताया कि आज 66 बच्चे उपस्थित हैं. प्रधानाध्यापक पंकज कुमार 17 दिनों से चुनाव ड्यूटी में है. इसलिए स्कूल नहीं आए हैं. उन्होंने बताया कि इतने बच्चों को पढ़ना तो संभव नहीं है. इसलिए बच्चों को दो कमरे में बैठ कर केवल रखवाली करते हैं. कहा कि विकास मद की राशि से 30 थाली, 60 ग्लास और दो दरी आई है. कुछ पौधे भी लगे हैं. बच्चे स्कूल के बरामदे में खेलकूद रहे थे. इस पूरे खेल में गुरुजी ही नहीं बल्कि बीआरसी कर्मी भी शामिल होंगे, क्योंकि बिना कार्य के अग्रिम राशि भुगतान कर्मियों के सहयोग से संभव नहीं. कहते हैं प्रधानाध्यापक विकास मद में जो राशि आई है उससे बहुत कुछ खरीदारी किया गया है. ड्रेस के लिए बाबा ट्रेडर्स को भुगतान कर दिया गया है. चुनाव के बाद बच्चों में ड्रेस वितरण किया जायेगा. शेष विकास कार्य जारी है. – पंकज कुमार, प्रधानाध्यापक, उमवि बांसपहाड़ी कहतीं हैं बीपीओ विद्यालयों में बच्चों की गलत उपस्थित बनाना अनुचित है. विद्यालयों में बच्चों की उपस्थित के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं. बावजूद इस तरह का होना चिंताजनक है. विद्यालय विकास मद की राशि पूरे पारदर्शी के साथ खर्च होनी चाहिए. अगर कार्य से पहले राशि निकासी हो गई है तो इसकी जांच होगी. – अनामिका हांसदा, बीपीओ, बीआरसी नारायणपुर
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