कुंडहित. मकर संक्रांति की तैयारी में ग्रामीण जुट गए हैं. महिलाएं तिल्ल, गुड़, चूड़ा, लाई आदि का प्रबंध करने लगीं है. पर्व के दिन खिचड़ी, चूड़ा व दही खाने की परंपरा है. घरों में तैयार की जा रही लाई, तिलवा की सोंधी महक गलियों तक पहुंच रही है. बाजार में भी गुड़, तिलवा, तिलकुट, तिल, चूड़ा आदि की दुकानें सजी हैं, जहां खरीदारों की भीड़ देखी गयी. मकर संक्रांति पर दूध-दही की मांग बढ़ जाती है. वैसे तो ग्रामीण क्षेत्र में दूध-दही की कमी नहीं होती है, लेकिन नाते-रिश्तेदारों के घर भी इन चीजों को पहुंचाने की परंपरा है. वहीं मकर संक्रांति के स्नान के लिए लोग पश्चिम बंगाल के बकेश्वर, केंदुली, गंगासागर आदि जाने के लिए लोग जुटे हैं. मकर संक्रांति पर कांधीहाड़ा में मेले का आयोजन किया जाता है.
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