जामताड़ा. झारखंड में अल्पसंख्यक मुसलमान के लिए सस्ते दर पर ऋण और हस्त करघा बुनकर प्रशिक्षण होना चाहिए. झारखंड में बेरोजगारी और पलायन सबसे बड़ी समस्या है. आजादी के बाद से ही अल्पसंख्यक मुसलमान समाज की मुख्यधारा से पीछे हैं. उक्त बातें झारखंड प्रदेश मोमिन कांफ्रेंस के महासचिव डॉ नबी अख्तर ने कही. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की गठबंधन सरकार अगर चाहे तो प्रधानमंत्री 15 सूत्री अल्पसंख्यक कार्यक्रम और अल्पसंख्यक वित्त निगम के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराकर झारखंड के विभिन्न जिलों में आर्थिक समृद्धि ला सकती है. आज भी राज्य के कुछ हिस्सों में बुनकर मशीन से कपड़े तैयार किए जाते हैं. हिन्दुस्तान के अलावा विदेशों में भी बेचे जा रहे हैं. झारखंड एक खनिज संपदा परिपूर्ण राज्य है. प्राकृतिक संसाधनों की भरमार रहने के बावजूद लोग आर्थिक तंगी झेल रहे हैं. राज्य सरकार अल्पसंख्यक पिछड़े मुसलमानों का बेरोजगारी का सर्वे कराकर मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उन्हें प्रशिक्षित करे. बुनकरों को मशीनें उपलब्ध कराकर व्यापार से जोड़ें.
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