बिंदापाथर. इस भीषण गर्मी में बिंदापाथर मुख्यालय क्षेत्र में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. बारिश काफी कम होने की वजह से भूगर्भ जलस्तर काफी नीचे चला गया है. अधिकतर कुआं सूखने की कगार पर हैं. किसी भी तालाब में पानी नहीं है. चापाकल जवाब देने लगा है. बिंदापाथर में पेयजल की किल्लत को देखते हुए करीब एक दशक पूर्व बिंदापाथर हटिया परिसर में 16 हजार गैलन क्षमता वाला जलमीनार का निर्माण कराया गया था. स्थानीय एक तालाब के बीच दो बड़े बड़े कुआं खोदकर पानी भरने की व्यवस्था की गयी. मगर ग्रामीणों को उस जलमीनार का लाभ कभी भी नहीं मिला. ग्रामीण हिरालाल दास, नंदलाल घाटी, सुनील गोराई, देवनाथ साधु ने बताया जलमीनार निर्माण में घटिया काम हुआ कि आज जलमीनार क्षतिग्रस्त हो गया है. जलमीनार से ग्रामीणों को एक दिन के लिए भी पानी नसीब नहीं हुआ है. आज स्थिति यह है कि जलमीनार गिर सकता है. कोई बड़ा हादसा हो सकता है. चापाकल से पानी नहीं निकल रहा है. सरकार ग्रामीणों को कम से कम शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करे. जलमीनार प्रयोग के तौर पर दो बार पानी छोड़ा, मगर सफलता नहीं मिली.
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