नारायणपुर. राज्य भर में हड़ताल का दौर कुछ इस कदर छाया हुआ है कि एक के बाद एक विभिन्न विभागों के कर्मी हड़ताल पर जा रहे हैं. पहले मनरेगा कर्मी सेवा स्थायीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिससे मनरेगा से जुड़े जियो टैग, वर्क कोड खोलना, डिमांड, मास्टर रॉल निर्गत करना जैसे कार्य प्रभावित है. इन कामों को करवाने के लिए जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पंचायत सचिवों को प्रभार दिया. पंचायत सचिव के प्रभाव लेने के कुछ ही दिन बाद वे भी ग्रेड-पे को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. अब मनरेगा मजदूरों के समक्ष समस्या उत्पन्न हो गयी है. वैसे भी बरसात में मिट्टी से जुड़ी योजनाएं लगभग नहीं के बराबर है. हालांकि खेतों के मेड़ को मजबूत बनाने और मनरेगा मजदूरों को रोजगार देने के लिए मेड़ बंदी योजना शुरू तो की गयी, लेकिन हड़ताल के कारण यह योजना भी ठंडे बस्ते में चल गया. नारायणपुर प्रखंड के 25 पंचायतों में मनरेगा मजदूरों के समक्ष पलायन की मजबूरी सामने आ गयी है. मनरेगा मजदूरों ने बताया कि हड़ताल के कारण योजनाएं पूरी तरह से ठप है. नजदीक में पर्व त्योहार भी है. कार्य नहीं मिलाना काफी दुखदायी है. अगर कार्य शुरू नहीं होता है तो हमें बाहर पलायन करना होगा.
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