अभिनेता बंटी सिंह का निधन : झारखंड का एक चमकता सितारा, जो अब आसमान में चमकेगा
झॉलीवु़ड एक इंडस्ट्री जो अपनी पहचान के लिए अब भी जद्दोजहद कर रही है. इस इंडस्ट्री को कई सितारों ने अपनी चमक से रौशन किया है. नाम गिनने जायेंगे तो ऐसे कई सितारों के नाम सामने आयेंगे.
झॉलीवु़ड एक इंडस्ट्री जो अपनी पहचान के लिए अब भी जद्दोजहद कर रही है. इस इंडस्ट्री को कई सितारों ने अपनी चमक से रौशन किया है. नाम गिनने जायेंगे तो ऐसे कई सितारों के नाम सामने आयेंगे. इन सितारों में एक चमकता सितारा जमीन से आज हमेशा के लिए आसमान की उन सितारों में शामिल हो गया जो वहां से इस इंडस्ट्री के आगे बढ़ने और फलने फूलने की दुआ करेगा.
अपनी काबिलियत के दम पर लोगों के दिलों पर किया राज
अपनी काबिलियत के दम पर लोगों के दिलों में राज करने वाले बंटी सिंह ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित थे. उन्हें हर दिन दवाई लेनी होती थी .एक फरवरी की शाम उनकी हालत बेहद खराब हो गयी और आखिरकार बुधवार को उन्होंने आखिरी सांस ली. अपनी काबिलियत और दिमागी ताकत के दम पर अपनी पहचान बनाने वाले बंटी सिंह की जान ब्रेन स्ट्रोक ने ले ली.
अपनी पहचान एक शानदार डांसर के रूप स्थापित की
बंटी सिंह एक ऐसे अभिनेता जिन्होंने अपनी पहचान एक शानदार डांसर के रूप में पहले स्थापित की और एक अभिनेता के रूप में पहचाने जाने लगे. इनके गाने आज भी युवाओं की जुबां पर है और झारखंड की फिल्म इंडस्ट्री में अगर शानदार डांसरों की सूची तैयार करेंगे तो बंटी अपने पुराने अंदाज में सबसे आगे खड़े नजर आयेंगे जिनसे इस इंडस्ट्री को पहचान मिली.
एलबम जिन्हें शायद ऊंगलियों पर गिनना मुश्किल
एक से बढ़कर एक शानदार एलबम जिन्हें शायद ऊंगलियों पर गिनना मुश्किल हो. आज डांस रियालिटी शो के दम कई लोग झारखंड का नाम रौशन कर रहे हैं लेकिन मेरी उम्र के लोग जानते हैं कि डांस रियालिटी शो में बूगी – बूगी शो एक ऐसा नाम है जिसने इंडिया को डांस के लिए प्रेरित किया.
कैसेट, सीडी से होते हुए यूट्यूब चैनल तक का सफर
बंटी नाम का यह सितारा इस शो पर भी खूब चमका.मेरी नजर में पहली बार था जब झारखंड के किसी स्टार ने राष्ट्रीय मंच पर यहां के गाने, यहां की फिल्म इंडस्ट्री से परिचय कराया था. बंटी सिंह जिन्होंने इस इंडस्ट्री का हर वो दौर देखा जो कैसेट, सीडी से होते हुए अब यूट्यूब चैनल तक सीमिट कर रह गया है. फिल्में बन रही है लेकिन स्क्रीन की कमी आज भी है फिल्म बनाने के लिए नीतियां बन रही है लेकिन नियत की कमी आज भी है.