Loading election data...

Jharkhand: सिमरिया एससी सीट पर 4 बार जीती भाजपा, विस्थापन और सिंचाई आज भी बड़ी समस्या

Jharkhand Assembly Election: झारखंड में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. आज हम आपको बता रहे हैं सिमरिया एसटी सीट का रिपोर्ट कार्ड.

By Mithilesh Jha | July 6, 2024 11:17 AM
an image

Jharkhand Assembly Election|चतरा, दीनबंधू/मो तसलीम : झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है. इंडिया और एनडीए गठबंधन सियासी बिसात पर गोटियां चलाने लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो दिग्गज केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा को प्रभारी बनाकर झारखंड भेज दिया है.

इंडिया कैंप में चल रहा बैठकों का दौर

इंडिया कैंप में बैठकों का दौर चल रहा है. राज्य में पांच जनवरी -2025 तक सरकार गठन की समय सीमा तय है. नियत समय पर चुनाव हुए, तो नवंबर-दिसंबर में चुनाव होना है. अटकलें हैं कि झारखंड में विधानसभा का चुनाव हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ अक्तूबर में हो सकता है. प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) झारखंड की सभी 81 विधानसभाओं का रिपोर्ट कार्ड छाप रहा है. विधानसभा रिपोर्ट में राजनीतिक समीकरण, एजेंडे और लोगों के मुद्दों को विस्तार से पढ़ें. पेश है- सिमरिया एससी विधानसभा सीट का रिपोर्ट कार्ड.

Jharkhand: सिमरिया एससी सीट पर 4 बार जीती भाजपा, विस्थापन और सिंचाई आज भी बड़ी समस्या 6

2019 में 12 साल बाद टूटा भाजपा का वनवास

वर्ष 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सिमरिया विधानसभा सीट जीतकर किशुनदास ने भाजपा का 12 वर्षों का वनवास तोड़ा था. इस सीट से उपेंद्रनाथ दास 4 बार विधायक रहे. पहली बार वर्ष 1977 में वह जीएनपी के टिकट पर जीते थे. इसके बाद 1990, 1995 व 2005 में उपेंद्रनाथ दास भाजपा के विधायक बने. लेकिन उपेंद्रनाथ दास के निधन के बाद इस सीट से उप चुनाव में भाकपा के रामचंद्र राम जीत गये थे. इसके बाद हुए दोनों चुनाव में झारखंड विकास मोरचा का कब्जा रहा था. 2019 में भाजपा के किशुनदास विधायक बने.

Jharkhand: सिमरिया एससी सीट पर 4 बार जीती भाजपा, विस्थापन और सिंचाई आज भी बड़ी समस्या 7

1977 में अस्तित्व में आया था सिमरिया विधानसभा

सिमरिया विधानसभा क्षेत्र 1977 में अस्तित्व में आया था. पहले यह इलाका बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में ही आता था. यहां से भाजपा चार, कांग्रेस दो, जेवीएम दो और राजद, भाकपा, जीएनपी को एक-एक बार जीत मिली है. सिमरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता समय-समय पर अपना प्रतिनिधि तो बदला है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

विस्थापन और सिंचाई है सिमरिया की सबसे बड़ी समस्या

यहां की मुख्य समस्या विस्थापन व सिंचाई हैं. क्षेत्र के विस्थापित किये गये रैयतों को उनका अधिकार नहीं मिल रहा हैं. कई समस्याओं से रैयत जूझ रहे हैं. इसी तरह सिंचाई का साधन नहीं होने से हजारों एकड़ भूमि परती है. किसान खेती नहीं कर पाते हैं. जबकि अधिकांश लोग कृषि कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं. नियमित व पर्याप्त बिजली नहीं मिलती हैं.

Jharkhand: सिमरिया एससी सीट पर 4 बार जीती भाजपा, विस्थापन और सिंचाई आज भी बड़ी समस्या 8

वर्षों से बंद है प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय

सिमरिया का प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय कई वर्षों से बंद पड़ा हैं. महाविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त कर लोग शिक्षक बनते थे. यह रोजगार का बड़ा साधन था. प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय को चालू कराने का मुद्दा हमेशा गरम रहा है. इसके लिए यहां कई बार आंदोलन भी किया गया है. सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सात प्रखंड आते हैं, जिसमें सिमरिया, टंडवा, लावालौंग, पत्थलगड्डा, गिद्धौर, इटखोरी व मयूरहंड प्रखंड शामिल है.

जनता की उम्मीद पर खरा उतरे हैं : विधायक किशुन कुमार दास

भाजपा विधायक किशुन कुमार दास ने कहा कि चुनाव के वक्त जनता से जो भी वादा किया था, वह पूरा किया. बिजली, सड़क की मांग पूरी की गयी. जोरकारी पावर ग्रिड से पूरे जिले में बिजली बहाल की गयी. विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया गया हैं. डीएमएफटी फंड से क्षेत्र में कई विकास कार्य किये. 22 प्लस टू स्कूल भवन, चहारदीवारी का निर्माण कराया गया. टंडवा में इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया गया. टंडवा व गाड़ीलौंग के लिए 19 करोड़ की पेयजलापूर्ति योजना की प्रक्रिया चल रही है, बहुत जल्द टेंडर किया जायेगा. क्षेत्र के लोगो के सुख-दुख में हमेशा साथ रहा. समस्याओं का समाधान किया.

पांच वर्षों में नहीं हुआ क्षेत्र का विकास : मनोज चंद्रा

सिंचाई का कोई साधन नहीं हैं. किसान बारिश पर निर्भर हैं. सालोभर खेती नहीं कर पाते हैं. सिंचाई का साधन रहता, तो खेती कर अच्छी आमदनी करते.

तारकेश्वर राणा, किसान

वर्ष 2019 के विस चुनाव में दूसरे स्थान पर रहनेवाले मनोज चंद्रा ने कहा कि पांच साल में क्षेत्र का कोई विकास नहीं हुआ. चुनाव के वक्त किया गया वादा आज भी पूरा नहीं हो पाया है. मुआवजा नीति नहीं बनी, जिसके कारण कोल वाहनों के कहर से मौत के गाल समा रहे लोगों के परिजनों को समुचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. बिजली, पानी, सड़क जैसी समस्या आज भी क्षेत्र में बरकरार हैं. क्षेत्र के विकास को लेकर विधायक द्वारा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया गया.

नियमित बिजली नहीं मिलती हैं. शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है. बिजली की कमी से क्षेत्र के लोगों का जनजीवन और उद्योग -व्यवसाय प्रभावित है.

ज्ञानी ठाकुर, ग्रामीण

बोले एक्सपर्ट

क्षेत्र में विस्थापन, सिंचाई व बेरोजगारी बहुत बड़ा मुद्दा है. एशिया की सबसे बड़ी कोयला परियोजना मगध व आम्रपाली टंडवा में स्थापित है. पर यहां के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. आज भी रैयत नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर आंदोलित हैं. मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. क्षेत्र का विकास होना चाहिए, ताकि लोगो का जीवन स्तर ऊपर उठ सके.

सरयू राणा

वर्ष 2019 के चुनाव परिणाम

प्रत्याशी का नामपार्टी का नामप्राप्त मत
किशुन कुमार दासभाजपा61438
मनोज कुमार चंद्राआजसू50442

वर्ष 2014 के चुनाव परिणाम

प्रत्याशी का नामपार्टी का नामप्राप्त मत
गणेश गंझूजेवीएम67404
सुजीत कुमार भारतीभाजपा51764

वर्ष 2009 के चुनाव परिणाम

प्रत्याशी का नामपार्टी का नामप्राप्त मत
जयप्रकाश भोक्ताजेवीएम34007
गणेश गंझूजेएमएम25982

सिमरिया के अब तक के विधायक

चुनाव का वर्षविधायक का नामपार्टी का नाम
1990उपेंद्रनाथ दासभाजपा
1995उपेंद्रनाथ दासभाजपा
2000योगेंद्रनाथ बैठाराजद
2005उपेंद्रनाथ दासभाजपा
2007 (उपचुनाव)रामचंद्र रामभाकपा
2009जयप्रकाश सिंह भोक्ताजेवीएम
2014गणेश गंझूजेवीएम
2019किशुन दासभाजपा

Also Read

घाटशिला विधानसभा सीट पर कांग्रेस को हराकर झामुमो ने गाड़ा झंडा, भाजपा को हराकर जीते रामदास सोरेन

EXCLUSIVE: सत्ता संभालने के सवाल पर बोलीं कल्पना सोरेन- निर्णय आलाकमान को लेना है, जो जवाबदेही मिली, निभा रही हूं

Exit mobile version