(ओके) महिला सिपाही से दुष्कर्म के मामले की सीबीआइ जांच का आदेश
हाइकोर्ट ने मामले की जांच कर सीबीआइ को रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश
प्रार्थी ने कहा-प्राथमिकी में दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाया गया था रांची. जमशेदपुर में महिला सिपाही द्वारा पुरुष सहकर्मी पर लगाये गये रेप के आरोप की सीबीआइ जांच कराने और 13 माह जेल में बिताने पर मुआवजा देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाइकोर्ट में सुनवाई की गयी. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना और पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराने का आदेश दिया. साथ ही अदालत ने सीबीआइ को मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 10 जून की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के दौरान महिला सिपाही ने अपने सहकर्मी सिपाही अनिल कुमार के खिलाफ रेप का आरोप लगाते हुए सिदगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में लगाया गया आरोप बेबुनियाद व झूठ पर आधारित था. इसे पीड़िता ने भी विभाग को लिखे पत्र में स्वीकार किया है. —————————– उसने विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि उसने गुस्से में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उसे पता नहीं था कि प्राथमिकी में क्या लिखा हुआ है. विभाग के कुछ अधिकारियों के कहने पर उसने यह प्राथमिकी दर्ज करायी थी. सिपाही अनिल कुमार ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया था. वह हिंदी भाषा नहीं जानती है, इसलिए प्राथमिकी में क्या लिखा हुआ है, उसे पता नहीं चल पाया. बाद में उसे पता चला कि प्राथमिकी में रेप की बात है, तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ. प्रार्थी ने पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आग्रह किया. ज्ञात हो कि प्रार्थी अनिल कुमार ने याचिका दायर की है. उन्होंने महिला सिपाही द्वारा लगाये गये रेप के झूठे आरोप के कारण 13 माह जेल में बिताने पर उचित मुआवजा देने तथा पूरे मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है.