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Jharkhand Monsoon Session: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में 18 विधायकों के निलंबन से मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा बेहद नाराज है. सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार (2 अगस्त) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा के अध्यक्ष को उनके पद से हटाने का नोटिस दे दिया. झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियम 158(1) के तहत वर्तमान अध्यक्ष को उनके पद से हटाने का नोटिस भाजपा विधायकों ने दिया है.
हेमंत सरकार के इशारे पर 18 भाजपा विधायकों को किया निलंबित
झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव को लिखे पत्र में भाजपा विधायकों ने कहा है कि झारखंड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष अपने पद का विवेकपूर्ण इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. उन्होंने हेमंत सोरेन की सरकार के इशारे पर भाजपा के 18 विधायकों को निलंबित कर दिया. विधानसभा की कार्यवाही के वीडियो फुटेज का हवाला देते हुए विधायकों ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी युवाओं एवं संविदाकर्मियों के विषय पर चर्चा कराने की मांग की.
चर्चा और मुख्यमंत्री का जवाब सुनने के लिए रात भर रुकेंगे
पत्र में कहा गया है कि नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर से आग्रह किया कि इस विषय पर सदन में चर्चा हो और सदन के नेता हेमंत सोरेन को जवाब देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष कहें. इसके लिए अगर रात को भी रुकना पड़े, तो विपक्ष के विधायक तैयार हैं. नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि विपक्ष के लोग मुख्यमंत्री का जवाब सुने बगैर नहीं जाएंगे.
निलंबन की कार्रवाई की प्रक्रिया का भी नहीं किया गया पालन
भाजपा ने आरोप लगाया है कि स्पीकर ने निष्पक्ष रहकर सदन का संचालन करने की बजाय मुख्यमंत्री के हित की रक्षा की और सरकार के इशारे पर झामुमो के एक विधायक ने निलंबन प्रस्ताव पेश किया और उसके आधार पर स्पीकर ने भाजपा के विधायकों को निलंबित कर दिया. भाजपा ने कहा है कि आमतौर पर ऐसा प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री सदन में पेश करते हैं. इसके पहले कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होती है. इन सारी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया.
स्पीकर के खिलाफ भाजपा की हैं ये शिकायतें
- स्पीकर ने अपने पद पर निष्पक्ष नहीं रहे, मुख्यमंत्री के हितों की रक्षा करते रहे
- स्पीकर की भूमिका में कम, झामुमो कार्यकर्ता के रूप में ज्याद काम किया
- स्पीकर रहते 2024 के लोकसभा चुनाव में दुमका में झामुमो का झंडा लगाकर किया चुनाव प्रचार
- बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर हाईकोर्ट के आदेश की स्पीकर ने आलोचना की
- 4 साल तक स्पीकर ने बाबूलाल मरांडी समेत कई भाजपा विधायकों को बोलने तक नहीं दिया
- कई विधायकों के ध्यानाकर्षण की सूचना को कभी ग्रहण नहीं किया
- स्पीकर के पद पर रहते हुए केंद्र सरकार की कई बार आलोचना की
- गोड्डा से भाजपा के सांसद के व्यक्तिगत बयान की सदन में चर्चा करके झामुमो व कांग्रेस के विधायकों को उकसाया
- भाजपा विधायकों पर महिला एवं पुरुष मार्शलों से दुर्व्यवहार के झूठे आरोप लगाए
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