Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन शनिवार (6 जुलाई) को पहली बार किसी बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए. फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से आयोजित ‘सृजन’ स्टार्टअप कॉन्क्लेव में उन्होंने युवाओं से स्टार्टअप शुरू करने का आह्वान किया.
अधिक से अधिक रोजगार सृजन पर सरकार का जोर : हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार झारखंड में अधिक से अधिक रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्ध है. युवा स्टार्टअप शुरू करें. सरकार उनका भरपूर सहयोग करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के सभी उद्योगों और उद्योगपतियों के प्रति सरकार की सोच सकारात्मक है. राजधानी रांची के रांची विश्वविद्यालय स्थित आर्यभट्ट सभागार में सीएम ने कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो.
राज्य के सर्वांगीण विकास में झारखंड चैंबर का सहयोग जरूरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड चैंबर के पदाधिकारियों से कहा कि कहा कि झारखंड में कई बहुत पुराने उद्योग हैं. उद्यमियों की पीढ़ी-दर-पीढ़ी यहां व्यवसाय कर रही है. बाहर से भी लोग झारखंड के बदलते स्वरूप को देखते आ रहे हैं. वे यहां की आर्थिक-सामाजिक और भौगोलिक स्थितियों से भली-भांति वाकिफ हैं. झारखंड के व्यवसायी इस राज्य को जितना समझते हैं, दूसरे नहीं समझ सकते हैं. इसलिए राज्य के सर्वांगीण विकास में आपका सहयोग जरूरी है.
स्टार्टअप को बढ़ावा देगी हमारी सरकार : हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने स्टार्टअप पॉलिसी बनाई है. अपने राज्य में स्टार्टअप को जितना बढ़ावा मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिला. हम इस मामले में थोड़ा पीछे हैं. लेकिन, सरकार जल्द ही स्टार्टअप को मजबूती और बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के जरिए युवा रोजगार से जुड़ें और दूसरों को भी रोजगार दें. इसी सोच के साथ हमारी सरकार आगे बढ़ेगी.
आजादी के बाद बड़े-बड़े उद्योग झारखंड में स्थापित हुए
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश जब आजाद हुआ, तो नीति-निर्धारकों ने झारखंड की अहमियत को समझा. हमारे राज्य में कई बड़े उद्योग स्थापित हुए. टाटा और बिरला जैसे कई उद्योग समूहों ने अपने उद्योग स्थापित किए. यहीं पर कोल इंडिया की सबसे ज्यादा गतिविधियां संचालित हो रहीं हैं.
धीरे-धीरे बंद हो गए कई उद्योग-धंधे
सीएम ने कहा कि देश का पहला फर्टिलाइजर इंडस्ट्री हो या माइनिंग इंस्टीट्यूट, सभी उद्योगों की जननी हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचईसी) की भी स्थापना यहीं हुई. धीरे-धीरे कई उद्योग-धंधे बंद हो गए. जिन उद्योगों का विस्तार होना चाहिए था, वे सिमटते चले गए. इस वजह से लोग बेरोजगार भी हुए. हमारी सरकार उद्योगों की ऐसी बुनियाद डालना चाहती है, जिसका लाभ लोगों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी मिल सके.
कॉन्क्लेव में ये लोग भी हुए शामिल
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक डॉ रामेश्वर उरांव, पूर्व राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग की सचिव विप्रा भाल, झारखंड चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री, पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, सचिव परेश गट्टानी व अन्य उपस्थित थे.
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