Jharkhand Panchayat Chunav 2022: झारखंड पंचायत चुनाव में खासकर गढ़वा जिले में मुखिया का पद अन्य सभी पदों पर भारी पड़ रहा है. मुखिया से ऊंचे पदों पर रह चुके लोग भी इस पद के लिए नामांकन कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि पावर व पैसा को देखते हुए लोगों का रुझान मुखिया पद की ओर बढ़ रहा है. गढ़वा विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं एवं पांच साल जिला परिषद सदस्य रह चुकी कंचन केसरी ने इस बार शहर से सटी छतरपुर पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया है. इसी तरह निवर्तमान गढ़वा प्रखंड प्रमुख तेतरी देवी ने भी शहर से सटी नवादा पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया.
मुखिया पद को लेकर प्रत्याशियों में काफी उत्साह
आंगनबाड़ी कर्मचारी वर्क्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने भी मेराल प्रखंड की दुलदुलवा पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया है़ इसके अलावा कई सरकारीकर्मी भी अपनी पत्नियों व संबंधियों को मुखिया का चुनाव लड़वा रहे है़ं मुखिया बनने के लिए प्रत्याशी कितने उतावले हैं, इसे इसी से समझा जा सकता है कि नामांकन के लिए भारी भीड़, बाजे-गाजे, वाहन एवं जुलूस की शक्ल में वे प्रखंड कार्यालय नामांकन के लिए पहुंच रहे है़ं अन्य पदों के लिये प्रत्याशियों के बीच इतना तामझाम देखने को नहीं मिल रहा है़
देर शाम तक होता रहा नामांकन
पंचायत चुनाव में गुरुवार को नामांकन करनेवाले प्रत्याशियों की भीड़ देखी गयी़ गढ़वा प्रखंड कार्यालय में प्रत्याशी एवं उनके समर्थकों की भारी भीड़ की वजह से पांव रखने की भी जगह नहीं थी यहां मुखिया एवं वार्ड सदस्य पद के प्रत्याशियों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया़ नामांकन का समय दोपहर तीन बजे तक ही निर्धारित किया गया था, लेकिन प्रत्याशियों की भीड़ की वजह से इसके बाद भी संध्या करीब सात बजे तक कतार में खड़े प्रत्याशियों का नामांकन लिया गया़ यही स्थिति जिला परिषद सदस्य पद के लिये भी देखने को मिली़ देर शाम तक नामांकन जारी रहा़ नामांकन करनेवाले पदाधिकारी भी सुबह दस बजे से देर शाम तक बैठे रहे़
मुखिया के नामांकन के लिए टोकन सिस्टम
गढ़वा प्रखंड कार्यालय में मुखिया पद पर नामांकन को लेकर भी गुरुवार को प्रत्याशी एवं समर्थकों की भारी भीड़ दिखी. इसे संभालने में पुलिस कमजोर दिखी. पहले प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों को मुख्य द्वार पर ही रोका जा रहा था और बारी-बारी से अंदर भेजा जा रहा था, लेकिन दबाव बढ़ने एवं हंगामे की वजह से बाद में प्रखंड सह अंचल कार्यालय के मुख्य द्वार को खोल दिया गया़ मुखिया प्रत्याशियों की भीड़ की वजह से नामांकन को लेकर यहां टोकन सिस्टम लागू किया गया था़ टोकन के हिसाब से ही सबों का नामांकन लिया जा रहा था, लेकिन कई दबंग व रसूखवाले प्रत्याशियों ने इसे अव्यवस्था बताते हुये हंगामा भी किया.
रिपोर्ट : पीयूष तिवारी