सिमडेगा के हेठमा पंचायत से दूसरी बार मुखिया पद पर जीती सुनीता देवी, ग्रामीणों ने दी थी आर्थिक मदद
कुरडेगा प्रखंड की हेठमा पंचायत से सुनीता देवी दूसरी बार मुखिया का चुनाव जीती हैं. इनके विरोध में 10 पुरुष उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. सुनीता देवी अकेली महिला थी जो चुनावी मैदान पर थी
सिमडेगा: कुरडेगा प्रखंड की हेठमा पंचायत से सुनीता देवी दूसरी बार मुखिया का चुनाव जीती हैं. इनके विरोध में 10 पुरुष उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. सुनीता देवी अकेली महिला थी जो चुनावी मैदान पर थी. चुनाव में खर्च के लिए पैसे नहीं थे. पंचायत के लोगों ने ही इनके व्यवहार को देखते हुए आर्थिक रूप से सहयोग किया और चुनाव के लिए भरपूर साथ दिया.
उन्होंने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर देते हुए पांच सौ वोटों की अंतर से पराजित किया. उनके निर्वाचित होने पर पंचायत के लोगों ने विजय जुलूस निकाला. मुखिया सुनीता देवी ने पंचायत की जनता को धन्यवाद दिया और आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह जीत जनता की है. जनता के विश्वास की जीत है. उन्होंने कहा कि मैं ऐसी उम्मीदवार हूं, जिसे चुनाव लड़ने के लिए पंचायत के पुरुषों ने आर्थिक मदद की और लोगों को जागरूक किया.
यहां बता दें कि सुनीता देवी को यह उपलब्धि उनकी कुशल व्यवहार से मिली है. वह एक मिलनसार महिला हैं. पति की मृत्यु के बाद सुनीता देवी ने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया और अपनी मधुरवाणी, लगन, परिश्रम और समाजसेवा की ललक के बल पर पंचायत में लोगों की दिलों में जगह बनायी. वह अपने क्षेत्र में बाल- विवाह, सामाजिक जागरूकता, महिला सशक्तिकरण, नशापान, अंधविश्वास के प्रति महिलाओं को जागरूक और लामबंद भी कर रही हैं.
पंचायत की मुखिया होने का घमंड तनिक भी नहीं है. समय निकालकर पैसा की जुगाड़ के लिए गांव में महिलाओं संग दिहाड़ी मजदूरी भी कर लेती हैं. साथ ही सामाजिक कार्यों में भी बढ़- चढ़कर हाथ बटाती हैं. इतना ही नहीं अपने तीन बच्चों को सिमडेगा में गैर सरकारी विद्यालय में पढ़ा भी रही है. जहां तकरीबन तीनों बच्चों का मासिक खर्च पांच हजार रुपये है. सुनीता देवी समाज के अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत और आदर्श हैं.