रांची : बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा ना देने को लेकर आज बजट सत्र के छठे दिन भी विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ. दूसरी पाली में भाजपा विधायकों ने अपनी मांग रखी और साथ ही भगवा पट्टा मुंह में बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया. विरोध के दौरान किसी भी नेता ने मीडिया से बात नहीं की.
पहली पाली में भाजपा विधायक अनंत ओझा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान का विरोध जरूर किया जिसमें उन्होंने बाबूलाल को छोड़कर किसी और को नेता चुने जाने की बात कही थी. इस पर अनंत ने कहा, अगर ऐसा है, तो हेमंत सोरेन को भी सदन से नेता पक्ष से हटकर इस पर स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन जैसे नेताओं को मौका देना चाहिए. स्टीफन मरांडी, हेमंत सोरेन से ज्यादा अनुभवी और तेज तर्रार नेता हैं.
राज्य में नरसंहार हो रहे हैं, लोहरदगा में दंगे हुए, गीरिडीह में दंगे हुए. गुमला में एक आदिवासी गरीबी के कारण आत्महत्या के लिए मजबूर है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष पर फैसले लिये बिना सदन चल रहा है. नेता प्रतिपक्ष राज्य की जनता की आवाज बनता है. इसे लेकर हम आवाज उठा रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष महोदय इस पर जल्द फैसला लें लेकिन ऐसा लगता है दलीय प्रतिबद्धता के कारण निर्णय करने में समय लग रहा है.
अनंत ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के सभी विधायकों ने बाबूलाल को नेता माना है. ऐसे में हेमंत या सदन या हेमंत तय करेंगे कि नेता प्रतिपक्ष कौन हो ? जब पत्रकारों ने बाबूलाल औऱ प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुई मुलाकात का जिक्र किया तो अनंत ने कहा, कि दोनों नेताओं ने मुलाकात में राज्य की स्थिति पर बात की है. बाबूलाल जी ने प्रधानमंत्री से मिलकर राज्य की राजनीतिक स्थिति से उन्हें अवगत कराया है.
पत्रकारों से बात करते हुए अनंत ओझा ने कहा, राज्यसभा चुनाव में आजसू एनडीए के साथ होगी ? इस सवाल पर अनंत ने कहा, पार्टी के वरिष्ठ नेता लागातार संपर्क में हैं बातचीत चल रही है. यह स्पष्ट है कि पार्टी इस चुनाव में अपना उम्मीदवार जरूर खड़ा करेगी और सदस्य राज्यसभा के चुना जायेगा ऐसा विश्वास है.