डकरा/पिपरवार : वन पट्टा को लेकर ठेठांगी गांव के टानाभगतों के आंदोलन के कारण 50 दिनों से बंद राजधर साइडिंग मंगलवार शाम त्रिपक्षीय वार्ता में बनी सहमति के बाद शुरू हुआ. टानाभगतों ने साइडिंग में नारियल फोड़ कर रैक लोडिंग व डिस्पैच का काम विधिवत शुरू कराया.
जानकारी के अनुसार चतरा समाहरणालय में उपायुक्त की उपस्थिति में बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद व चतरा समाहर्ता की संयुक्त अध्यक्षता में हुई त्रिपक्षीय वार्ता में टानाभगतों के आंदोलन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों पर चर्चा की गयी. इसमें सीसीएल के कई अधिकारी व ठेठांगी गांव के टानाभगत उपस्थित थे.
इस अवसर पर टानाभगतों ने बताया कि उन्हें पूर्व में वन पट्टा नहीं दिया गया और न ही ग्रामसभा में उनकी भागीदारी ली गयी. इस पर विधायक अंबा प्रसाद ने पूर्व में निर्गत वन पट्टा व ठेठांगी की सीमा में वितरित वन पट्टा की जांच के लिए प्रशासन को निर्देश दिया.
इसके अलावा उन्होंने टानाभगतों को राष्ट्र का धरोहर बताते हुए उन्हें वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने व सीएसआर योजना के तहत सीसीएल को तकनीकी प्रशिक्षण देने को कहा. जिसपर सीसीएल की सहमति के बाद 50 दिनों से चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया.
मौके पर जीएम अजय सिंह, नोडल पदाधिकारी सीसीएल, हरी टानाभगत, शंकर टानाभगत, रामदेव टानाभगत, विनोद मिंज, बंदे टानाभगत, संजीव कुमार, राजेंद्र कुमार गुप्ता व वन पदाधिकारी के लोग शामिल थे.
Post by : Pritish Sahay