मनरेगा में मिली गड़बड़ी

खलारी : उपायुक्त के निर्देश पर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआडीए) रांची की टीम ने मंगलवार को खलारी में मनरेगा कार्यों का सघन व विस्तृत जांच की. निरीक्षण दल का नेतृत्व निदेशक लेखा प्रशासक एवं नियोजन डीआरडीए संगीता लाल कर रही थी. पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार प्रखंड के 14 में से 11 पंचायतों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2017 11:28 AM
खलारी : उपायुक्त के निर्देश पर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआडीए) रांची की टीम ने मंगलवार को खलारी में मनरेगा कार्यों का सघन व विस्तृत जांच की. निरीक्षण दल का नेतृत्व निदेशक लेखा प्रशासक एवं नियोजन डीआरडीए संगीता लाल कर रही थी. पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार प्रखंड के 14 में से 11 पंचायतों में वर्ष 2015-16 तथा वर्ष 2016-17 के मनरेगा कार्यों का निरीक्षण करना था. प्रत्येक पंचायत के लिए अलग-अलग टीम गठित की गयी थी, लेकिन आठ पंचायत के लिए ही टीम खलारी आ सकी. टीम ने चूरी पूर्वी, चूरी मध्य, चूरी दक्षिणी, लपरा, मायापुर, हुटाप, विश्रामपुर तथा खलारी में मनरेगा कार्यों की जांच की. हर टीम का नेतृत्व प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी व सहायक अभियंता कर रहे थे.
निरीक्षण के दौरान पंचायतों में बने कुआं, डोभा, तालाब, सड़क, शेड आदि मनरेगा कार्यों का भौतिक व कागजातों की जांच की गयी. कुआं व तालाब आदि की मापी की गयी. कई सड़कों को खोद कर उसमें डाले गये मेटेरियल को देखा गया. कार्यस्थल पर संबंधित मेठ व काम कर रहे मनरेगा मजदूरों से पूछताछ की गयी. कार्यस्थल से भौतिक जांच करने के बाद टीम के सदस्य प्रखंड कार्यालय पहुंचे. यहां संबंधित कार्यों के अभिलेखों को जांचा. संगीता लाल ने बताया कि खलारी प्रखंड का पिछले दो वर्षों में मनरेगा योजनाओं में प्रदर्शन असंतोषजनक है.
साथ ही अनियमितता की लगातार शिकायत मिल रही थी. इसलिए उपायुक्त के निर्देश पर उपविकास आयुक्त ने विस्तृत जांच का आदेश दिया था. बताया कि लपरा और मायापुर में दो सड़क की विशेष शिकायत मिली थी. इनमें एक चट्टी नदी गुहाड़गर से कुवांरपतरा तक ग्रेड वन सड़क तथा मायापुर में चीनाटांड़ से धुर्वामोड़ तक सड़क में ईंट सोलिंग का काम है. इसमें ग्रेड वन सड़क की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाया गया. कई कार्यस्थलों पर कार्य की जानकारी से संबंधित बोर्ड नहीं लगे रहने पर टीम के सदस्यों ने नाराजगी जतायी. उन्होंने जांच संबंधित विस्तृत रिपोर्ट उपविकास आयुक्त को सौंपने की बात कही.
जांच में प्रखंड से जेइ, पंचायत सेवक तथा रोजगार सेवक पंचायतों में कार्यस्थल पर टीम के सदस्यों को सहयोग किये. जांच दल में अपर जिला दंडाधिकारी(नक्सल) पूनम झा, अपर जिला दंडाधिकारी दंडाधिकारी(विधि व्यवस्था) अरुणा किंडो, कार्यपालक दंडाधिकारी सुषमा बड़ाइक, शशिभूषण मेहरा, मनमोहन प्रसाद, सागर कुमार, श्रीपति गिरि, रविशंकर, अर्जुन मांझी, ऐनी रिंकी कुजूर के अलावा स्थानीय अधिकारी व प्रखंडकर्मी शामिल थे.

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