1045 रुपये प्रति ट्रिप मिलेगा ढुलाई भाड़ा

पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत अपने वाहन खड़े कर झूलापुल के निकट धरना पर बैठ गये पिपरवार : भाड़ा निर्धारण की मांग को लेकर डंपर मालिकों ने गुरुवार को सीएचपी/सीपीपी-बचरा साइडिंग की कोयला ढुलाई छह घंटे तक ठप रखा. प्रबंधन की पहल पर पेटी कांट्रैक्टर नया भाड़ा निर्धारण के लिए सहमत हुए. दोपहर तीन बजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2017 10:08 AM
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत अपने वाहन खड़े कर झूलापुल के निकट धरना पर बैठ गये
पिपरवार : भाड़ा निर्धारण की मांग को लेकर डंपर मालिकों ने गुरुवार को सीएचपी/सीपीपी-बचरा साइडिंग की कोयला ढुलाई छह घंटे तक ठप रखा. प्रबंधन की पहल पर पेटी कांट्रैक्टर नया भाड़ा निर्धारण के लिए सहमत हुए. दोपहर तीन बजे डंपरों का परिचालन शुरू हुआ. जानकारी के अनुसार डंपर मालिक पिपरवार में कोयला ढुलाई का नया नियम (कैरिंग कैपेसिटी) लागू होने के बाद से ही पेटी कांट्रैक्टर्स से भाड़ा निर्धारित करने की मांग कर रहे थे.
किंतु एक माह बीत जाने के बाद भी भाड़ा निर्धारित नहीं होने पर डंपर मालिकों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को अपने वाहन खड़े कर झूलापुल के निकट धरना पर बैठ गये. इससे ट्रांसपोर्टिंग सड़क पर डंपरों की लंबी लाइन लग गयी. सूचना मिलने के बाद पिपरवार जीएम एसएस अहमद डंपर मालिकों से मिले और कोयला ढुलाई शुरू करने का आग्रह किया. डंपर मालिकों ने अपनी समस्याओं को बताते हुए जीएम के आग्रह को ठुकरा दिया. इसके बाद डंपर मालिकों की पेटी कांट्रेक्टर्स के साथ वार्ता हुई. इसमें नये नियम के साथ प्रति ट्रीप कोयला ढुलाई 1045 रुपये भुगतान करने पर सहमति बनी.
वार्ता में शामिल लोग
वार्ता में मोनू महतो, छोटू खान, पवन महतो, युगल महतो, छोटू सिंह, धनेश्वर यादव, अशोक साव, महेंद्र विश्वकर्मा, संजय कुमार यादव, प्रकाश महतो, विनोद कुमार महतो, एस अंसारी, गुलाम रब्बानी खान, नागेश्वर महतो, दिनेश सिंह, नकुल महतश्व एवं पेटी कांट्रैक्टर्स में प्रेमसागर मुंडा, गणेश महतो, राजू महतो, जगदीश महतो, जानकी महतो आदि मौजूद थे.
क्या है नया नियम
नये नियम के अनुसार अब हाइवा डंपरों में ढुलाई क्षमता (15 टन) के अनुसार ही कोयले की ढुलाई की जायेगी. इससे पूर्व हाइवा डंपरों में 17 से 18 टन कोयला लोड किया जाता था. प्रशासनिक दबाव के बाद अप्रैल माह से प्रबंधन द्वारा नया नियम लागू करने के बाद डंपरों में 15 टन से अधिक कोयला ढुलाई नहीं की जा सकती है.

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