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खूंटी में 13 घंटे बाद ग्रामीणों ने एसपी, एएसपी, एसडीओ, डीएसपी को किया मुक्त

रांची : खूंटी के कांकी गांव में गुरुवार रात आठ बजे रोड पर लगे बैरियर को पुलिस द्वारा तोड़े जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने करीब 13 घंटे तक अधिकारियों को बंधक बनाये रखा. शुक्रवार सुबह करीब 9:15 बजे डीआइजी अमोल वेणुकांत होमकर और डीसी मनीष रंजन से समझौते के बाद ग्रामसभा से जुड़े ग्रामीणों ने […]

रांची : खूंटी के कांकी गांव में गुरुवार रात आठ बजे रोड पर लगे बैरियर को पुलिस द्वारा तोड़े जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने करीब 13 घंटे तक अधिकारियों को बंधक बनाये रखा. शुक्रवार सुबह करीब 9:15 बजे डीआइजी अमोल वेणुकांत होमकर और डीसी मनीष रंजन से समझौते के बाद ग्रामसभा से जुड़े ग्रामीणों ने अफसरों को छोड़ा. जिन अफसरों को ग्रामीणों ने बंधक बनाने का दावा किया, उनमें खूंटी के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा, एसडीओ प्रणब पाल, एएसपी अनुराग राज, एसडीपीओ रणवीर सिंह, तोरपा डीएसपी नाजिर अख्तर, मजिस्ट्रेट रवींद्र गगराई, खूंटी थानेदार और मुरहू थानेदार शामिल थे. इसके अलावा 200 की संख्या में पुलिसकर्मी भी बंधक थे.

शुक्रवार सुबह 8:20 बजे ग्रामीणों से समझौते के लिए कांकी गांव स्थित ग्रामसभा स्थल पर डीआइजी और डीसी पहुंचे थे. वे लोग ग्रामीणों से अफसरों को मुक्त करने की बात कह रहे थे. ग्रामसभा से जुड़े ग्रामीणों ने अधिकारियों से कहा कि जमीन पर आमने-सामने बैठ कर वार्ता करें और मांगें पूरी करें. आखिर में अफसरों को ग्रामीणों की बात माननी पड़ी.

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ग्रामीणों के अनुसार, अफसरों ने स्वीकारकिया कि जिस बैरियर आैर मचान को पुलिस ने ध्वस्त किया है, उसे फिर से बनवा दिया जायेगा. इससे पूर्व लाव-लश्कर के साथ गुरुवार देर रात पहुंचे डीआइजी और डीसी को ग्रामीणों से बातचीत के लिए पूरी रात मौका-ए-वारदात से दो किमी पहले इंतजार करना पड़ा.

ग्रामसभा के अध्यक्ष नथनियल मुंडा, डोमन पाहन, रुम्बा टुटी, जोटो मुंडा और बालगोविंद तिर्की ने दावा किया कि बैरियर तोड़ने के बाद डीएसपी सहित अन्य पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों ने गुरुवार रात आठ बजे बंधक बनाया. इसके एक घंटे बाद कुछ पुलिसकर्मी अचानक भागने लगे. ग्रामीणों ने फिर उन्हें घेर लिया.

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इस पर पुलिसकर्मियों ने राइफल के बट से ग्रामीण बिरसा मुंडा के सिर पर वार किया, जिससे वह घायल हो गया. पुलिस ने ग्रामीणों के साथ गाली-गलौज की और छह-सात राउंड हवाई फायरिंग की. जवानों ने तीन महिलाओं की पिटाई भी की. महिलाओं की पिटाई से ग्रामीण आक्रोशित हो गये और उन्होंने पुलिस को अपशब्द कहे. रात साढ़े 10 बजे जब एसपी अन्य अफसर और पुलिसकर्मी के साथ पहुंचे, तो ग्रामीणों ने सभी को बंधक बना लिया.

हालांकि, एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने ग्रामीणों द्वारा बैरियर लगाने को गलत करार दिया. उन्होंने पुलिस फायरिंग से भी इनकार किया. कहा कि ग्रामीणों के हमले से एक जवान आंशिक रूप से घायल हुआ है. प्रशासन ने फिर बैरियर हटाया, तो एकजुट हो करेंगे कार्रवाई.

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घटना के बाद कांकी और आसपास के करीब चार-पांच हजार ग्रामीण मैदान में जुटे. उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने फिर बैरियर हटाने की कोशिश की, तो विरोध किया जायेगा. उन्होंने एकजुट हो पुलिस-प्रशासन से निबटने का निर्णय लिया. ग्रामसभा के अध्यक्ष नथनियल मुंडा ने कहा कि गांव की सुरक्षा और बाहरी लोगों का प्रवेश न हो, इसलिए ग्रामसभा ने बैरियर लगाने का निर्णय लिया है.

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