खूंटी: विश्व में लूथेरन चर्च की स्थापना जर्मनी में पहली बार 31 अक्तूबर 1517 को हुई थी. स्थापना के 500 वर्ष पूरे होने पर मंगलवार को खूंटी के जीइएल चर्च में एक समारोह का आयोजन किया गया. मौके पर पूर्व बिशप हेमंत हांसदा ने कहा कि परोपकार एवं समाज सेवा ही चर्च की प्राथमिकता है. ऐसे में सभी अपनी जिम्मेवारियों का निर्वह्न ईमानदारी से करें.
लोगों की सेवा उदार भाव से करें. सभी को दूसरों को प्रेम की ज्वाला साक्षात रूप से देने की जरूरत है. रेव्ह डेविड समद ने कहा कि चर्च परोपकार, शिक्षा आदि की दिशा में लोगों को अच्छी सेवा देकर लगातार आदर्श कायम कर रहा है.
यह सबों के लिए गौरव की बात है. वही रेव्ह हेरमन समद ने कहा कि सबों को जरूरतमंदों की सेवा के लिए त्याग, तपस्या व धार्मिकता का जीवन व्यतीत करने की जरूरत है. शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सभी अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षित बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ें. शिक्षित समाज में ही विकास की कामना की जा सकती है. मौके पर अाराधना कार्यक्रम हुआ. तदोपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम में युवक-युवतियों ने एक से बढ़ कर एक भक्ति गीत व नृत्य प्रस्तुत कर लोगों की वाहवाही लूटी. समारोह में निर्मल तोपनो, अनिल एक्का, मसीह दास बारला, इलियास तोपनो, अमित तोपनो, अमृत तोपनो, शिलवंती मानकी, बसंत आइंद, उम्बुलेन बारजो आदि मौजूद थे.