आरसीएम साइडिंग के डंपर मालिकों व ट्रांसपोर्टरों के बीच वार्ता विफल
वर्तमान में कोयला ढुलाई प्रति टन 90 रुपये की दर है निर्धारित पिपरवार : आरसीएम साइडिंग के डंपर मालिकों व ट्रांसपोर्टरों की संयुक्त बैैठक शुक्रवार को पंचवटी सभागार में हुई. इसमें नये टेंडर पर काम लेने के बाद संशोधित भाड़े को लेकर विचार-विमर्श किया गया. डंपर मालिकों ने अशोक परियोजना से आरसीएम साइडिंग की कोयला […]
वर्तमान में कोयला ढुलाई प्रति टन 90 रुपये की दर है निर्धारित
पिपरवार : आरसीएम साइडिंग के डंपर मालिकों व ट्रांसपोर्टरों की संयुक्त बैैठक शुक्रवार को पंचवटी सभागार में हुई. इसमें नये टेंडर पर काम लेने के बाद संशोधित भाड़े को लेकर विचार-विमर्श किया गया. डंपर मालिकों ने अशोक परियोजना से आरसीएम साइडिंग की कोयला ढुलाई भाड़ा प्रति टन 110 रुपये की दर से तय करने की मांग रखी.
वर्तमान में प्रति टन 90 रुपये की दर से यहां कोयला ढुलाई की जा रही है. इस पर ट्रांसपोर्टरों का तर्क था कि नया टेंडर कम रेट में लिये जाने के कारण अब भाड़े में बढ़ोतरी संभव नहीं हो सकेगा. ट्रांसपोर्टर प्रति टन 70 रुपये की दर से भाड़ा भुगतान करने पर सहमत थे.
इस पर डंपर मालिकों ने ट्रांसपोर्टरों की इस पेशकश को ठुकरा दिया. इस कारण वार्ता विफल हो गयी. बाद में डंपर मालिकों ने आपसी विचार-विमर्श के बाद इस मुद्दे पर आंदोलन की रणनीति तय करते हुए पुराने टेंडर का काम जारी रखने का निर्णय लिया.
साथ ही जब तक संशोधित रेट तय नहीं हो जाता, तब तक नये रेट में काम लेनेवाले ट्रांसपोर्टर को काम नहीं करने देने की बात कही गयी. इस पर ट्रांसपोर्टरों ने अगले दो-तीन दिन में पुन: वार्ता करने का भरोसा दिया है. वार्ता में पीएलआर कंपनी के रमना रेड्डी, आरपीएल के आरके सिंह, सैनिक कंपनी के राजू अग्रवाल, डंपर मालिकों में लालेश्वर महतो, नागेश्वर महतो, अर्जुन महतो, नरेश महतो, मोहन महतो, धर्मनाथ महतो, राजेंद्र महतो, देवसागर महतो, राजेश महतो, मुकेश महतो, नागेश्वर साव, बासुदेव मंडल, सुनील साव, लखन साव, अशोक महतो आदि शामिल थे.