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Jharkhand : जवानों को मुक्त कराने गयी पुलिस की कार्रवाई में ग्रामीण की मौत

खूंटी : राजधानी रांची से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित खूंटी में पत्थलगड़ी समर्थकों के चंगुल से तीन जवानों को छुड़ाने के लिए की गयी पुलिस की कार्रवाई में एक ग्रामीण की मौत हो गयी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कड़िया मुंडा के घर हमला कर उनके तीन गृह रक्षकों की रिहाई के लिए […]

खूंटी : राजधानी रांची से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित खूंटी में पत्थलगड़ी समर्थकों के चंगुल से तीन जवानों को छुड़ाने के लिए की गयी पुलिस की कार्रवाई में एक ग्रामीण की मौत हो गयी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कड़िया मुंडा के घर हमला कर उनके तीन गृह रक्षकों की रिहाई के लिए पुलिस बलों ने तड़के अभियान शुरू किया. पुलिस प्रशासन ने पत्थलगड़ी समर्थकों को आखिरी चेतावनी देने के बाद आंसू गैस के गोले छोड़े. कार्रवाई का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियारों और ईंट-पत्थरों से पुलिस बलों पर हमला कर दिया. पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गयी. बताया जाता है कि पत्थलगड़ी समर्थकों के विरोध को दबाने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी.

खबर है कि पुलिस ने पत्थलगड़ी में शामिल 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है. सभी को खूंटी स्थित कैंप जेल भेज दिया गया है. सैकड़ों वाहन जब्त किये गये हैं. इन्हीं वाहनों से पत्थलगड़ी समर्थक दूसरे गांवों से यहां आये थे. खबर थी कि अगवा जवानों को घाघरा गांव में रखा गया है. पुलिस ने घर-घर की तलाशी ली, लेकिन जवानों का कोई सुराग नहीं मिला.

उधर, कड़िया मुंडा ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं कि वे ‘पत्थलगड़ी’ समुदाय से जुड़े लोग थे. वे यहां किसी की तलाश में आये थे. उनकी मंशा पुलिस प्रशासन को पंगु बना देने की है. वे अपना साम्राज्य स्थापित करना चाहते हैं. वे पत्थलगड़ी कानून बनाना चाहते हैं. मंगलवार को पत्थलगड़ी समर्थकों ने उनके घर पर हमला कर दिया था. एक-एक कमरे की तलाशी ली थी और उनके तीन गृह रक्षकों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गये थे.

अपहृत सिपाहियों का अब तक पता नहीं चल सका है. झारखंड पुलिस के प्रवक्ता अपर पुलिस महानिदेशक आरके मलिक ने बताया कि खूंटी के घाघरा में पुलिस और प्रशासन ने रात भर ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन उनके न मानने और अपहृत जवानों को रिहा न करने पर पुलिस ने तड़के कार्रवाई प्रारंभ की.

इसे भी पढ़ें : खूंटी : पुलिस से झड़प के बाद 300 पत्थलगड़ी समर्थकों का कड़िया मुंडा के घर हमला, तीन जवानों को अगवा किया

उन्होंने बताया कि अभी कार्रवाई जारी है और क्षेत्र में पत्थलगड़ी की आड़ में गुंडागर्दी कर रहे लोगों पर नकेल कसी जायेगी. क्षेत्र में कानून का राज कायम किया जायेगा. उन्होंने बताया कि पुलिस की कार्रवाई जारी है और जल्द ही स्थिति नियंत्रण में होगी. मौके पर भारी संख्या में सशस्त्र पुलिस बल और खूंटी के पुलिस अधीक्षक तथा उपायुक्त मंगलवार शाम से स्वयं उपस्थित हैं.

उधर, सांसद कड़िया मुंडा के तीन हाउस गार्डों को मुक्त कराने के लिए पुलिस ने सख्ती दिखायी, तो पत्थलगड़ी समर्थक वार्ता के लिए तैयार हो गये. ऐसी खबर है कि थोड़ी देर में वार्ता शुरू हो सकती है. उम्मीद जगी है कि अपहृत जवानों के बारे में कोई ठोस जानकारी पुलिस और प्रशासन को मिले.भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा के तीन हाउस गार्ड (अगवा तीनों पुलिस कर्मी लातेहार के महुआडाड निवासी सुबोध कुजूर, विनोद केरकेट्टाऔर सुयोन सुरीन) का मंगलवार को अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद से ही इन्हें मुक्त कराने के लिए पुलिस और प्रशासन का अभियान तेज हो गया है. डीसी, एसपी समेत करीब 300 जवानों को खूंटी के जंगलों में सड़क पर रात गुजारनी पड़ी.

बुधवार सुबह रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) के अतिरिक्त जवानों को गांव में भेजा गया और पत्थलगड़ी समर्थकों को चेतावनी दी गयी कि वे अपहृत जवानों को छोड़ दें. पुलिस की चेतावनी का उन पर कोई असर नहीं हुआ, तो जवानों ने गांव में तलाशी अभियान छेड़ दिया.

बताया जाता है कि कड़िया मुंडा के हाउस गार्डों को मुरहू थाना क्षेत्र के घाघरा में रखागया है. घाघरा में सुबह से बारिश के बावजूद अभियान चल रहा है. ज्ञात हो कि पत्थलगड़ी आंदोलन की वजह से खूंटी जिला में लगातार कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी है. पुलिसकर्मियों को बंधक बनाये जाने, लाठीचार्जऔर फायरिंग की कई घटनाएं हो चुकी हैं. यही वजह है कि जवानों को मुक्त कराने के लिए पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.

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