Khunti : 3 सुरक्षा गार्ड सहित 4 जवानों का अपहरण करने वालों में शामिल थे कड़िया मुंडा के 2 रिश्तेदार
पुलिस को पता ही नहीं था, तीन नहीं, चार पुलिसकर्मी को ले गये थे पत्थलगड़ी समर्थक 62 घंटे बाद सायको थाना से पांच किमी दूर जंगल में छोड़ा, सभी पैदल चल कर थाना पहुंचे रांची : पत्थलगड़ी समर्थकों ने खूंटी के अनिगड़ा स्थित सांसद कड़िया मुंडा के आवास से अगवा किये गये तीन हाउस गार्ड […]
पुलिस को पता ही नहीं था, तीन नहीं, चार पुलिसकर्मी को ले गये थे पत्थलगड़ी समर्थक
62 घंटे बाद सायको थाना से पांच किमी दूर जंगल में छोड़ा, सभी पैदल चल कर थाना पहुंचे
रांची : पत्थलगड़ी समर्थकों ने खूंटी के अनिगड़ा स्थित सांसद कड़िया मुंडा के आवास से अगवा किये गये तीन हाउस गार्ड सहित सभी चार पुलिसकर्मियों को करीब 62 घंटे बाद गुरुवार देर रात को मुक्त कर दिया.
सभी को खूंटी के सायको थाना से करीब पांच किमी दूर जंगल में छोड़ दिया. इसके बाद जवान रात करीब 2:30 बजे सायको थाना पहुंचे. इसके बाद वरीय पुलिस अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गयी. सूचना मिलने के बाद पुलिस अधिकारी सायको थाना पहुंचे और जवानों को लेकर खूंटी लौटे.
चारों जवानों को पत्थलगड़ी समर्थकों ने 26 जून को अगवा किया था. जोनल आइजी नवीन कुमार सिंह ने बताया कि खूंटी एसपी ने मुक्त जवानों के साथ घाघरा में सर्च अॉपरेशन चलाया.
घाघरा में ही पुआल की ढेर से तीनों हाउस गार्ड से लूटी गयी इंसास राइफल, मैगजीन और वर्दी बरामद कर ली गयी है. अाइजी ने बताया, अपहरण करनेवाले दो लोग सांसद कड़िया मुंडा के रिश्तेदार हैं. इस बात की जानकारी पुलिस को मिली है. इसकी और गहराई से जांच की जा रही है.
पानी पीने आया था नागेंद्र : आइजी ने बताया : अपहृत तीन सुरक्षा गार्ड विनोद, सुबोध और सियोन कड़िया मुंडा के आवास पर तैनात थे. जबकि नागेंद्र सिंह विधि व्यवस्था की ड्यूटी में लाठी पार्टी के तौर पर तैनात थे.
वह घटना के समय कड़िया मुंडा के आवास के पास पानी पीने पहुंचा था. पत्थलगढ़ी समर्थकों ने तीनों हाउस गार्ड के साथ नागेंद्र सिंह को भी अगवा कर लिया था. हालांकि नागेंद्र के अगवा होने की सूचना पुलिस को अंतिम समय तक नहीं थी.
उन्होंने बताया : पत्थलगड़ी समर्थक विधि-व्यवस्था की ड्यूटी में तैनात पुलिस की टीम को बंधक बनाना चाहते थे. पर असफल रहे. सुरक्षा में तैनात एक जवान जब कड़िया मुंडा के घर पहुंचा, तब पत्थलगड़ी समर्थक उसके पीछे-पीछे आ गये और घटना को अंजाम दिया.
हथियार की तलाश में घाघरा में चला ऑपरेशन : आइजी ने बताया, घटना के बाद अपील की गयी थी कि पुलिस अामलोग की दुश्मन नहीं है.
वे पुलिस की मदद करें. इस वजह से संभवत: अपहरणकर्ताओं ने चारों जवानों को मुक्त कर दिया. मुक्त किये जाने के बाद जवानों से उनके हथियारों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि हथियार अपहरणकर्ताओं ने घाघरा में ही कहीं छिपा दिया है. इसके बाद तत्काल चारों जवानों को लेकर एसपी अश्विनी सिन्हा को घाघरा जाकर सर्च अॉपरेशन चलाने का निर्देश दिया. सर्च अॉपरेशन के दौरान ही लूटी गयी सारे हथियार, मैगजीन और वर्दी बरामद हो गयी.
बोले कड़िया मुंडा
घाघरा में मेरे मेहमान हैं मुझे पता नहीं कि वे घटना में शामिल थे या नहीं
सांसद कड़िया मुंडा ने प्रभात खबर से कहा : घाघरा गांव में मेरे रिश्तेदार नहीं, बल्कि मेहमान रहते हैं. मैं दिल्ली में हूं. इसलिए मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि जवानों के अपहरण में कौन लोग शामिल थे.
खूंटी में आंशिक सफलता मिली है. कुछ लोग अपना सिस्टम चला रहे थे. यह समानांतर व्यवस्था चलाने जैसी थी. भोले-भाले आदिवासी को बरगला कर कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं. ऐसे लोगों को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे.
– रघुवर दास, मुख्यमंत्री
अपहरण के बाद घाघरा स्कूल ले गये थे जवानों को
अगवा करने के बाद चारों जवान को लेकर पत्थलगड़ी समर्थक घाघरा स्थित स्कूल ले गये. यहां जवानों से हथियार लेकर अलग रख दिया. इसी दिन शाम 7.30 बजे बाइक सवार कुछ लोग चारों जवान को लेकर दूसरे स्थान पर चले गये. जवानों के साथ मारपीट का प्रयास किया. धमकी भी दी. उसने कहा गया कि हमारे साथ शामिल हो जाओ, हम तुम्हें नौकरी देंगे. पुलिस प्रशासन के साथ क्यों काम करते हो.
कुल चार केस दर्ज िकये गये
आइजी ने बताया कि यूसूफ पूर्ति के घर में छापेमारी कर लौटने के दौरान पुलिस की टीम पर हमला किया गया था. 26 जून को घाघरा में पत्थलगड़ी के दौरान भी पुलिस पर हमला किया गया. इसके अलावा पुलिसकर्मियों के अपहरण और घाघरा में ग्रामसभा के दौरान पुलिस पर हमला को लेकर कुल चार केस दर्ज किये गये हैं. यूसुफ पूर्ति सहित पत्थलगड़ी से जुड़े अन्य नेताओं व अज्ञात को आरोपी बनाया गया है.