ग्रामसभा की बैठक में सर्वसम्मति से लिया निर्णय, खूंटी के चितरामू में ग्रामीणों ने स्वेच्छा से हटायी पत्थलगड़ी

खूंटी : खूंटी जिले में संविधान की धाराएं अंकित कर की गयी विवादित पत्थलगड़ी अभियान में अब एक नया मोड़ आ गया है़ जिन गांवों से पत्थलगड़ी करने की शुरुआत की गयी थी, वहीं से अब उसे उखाड़ने की शुरुआत भी होने लगी है़ 11 जुलाई 2017 को खूंटी प्रखंड के सिलादोन पंचायत अंतर्गत चितरामू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2018 6:41 AM
खूंटी : खूंटी जिले में संविधान की धाराएं अंकित कर की गयी विवादित पत्थलगड़ी अभियान में अब एक नया मोड़ आ गया है़ जिन गांवों से पत्थलगड़ी करने की शुरुआत की गयी थी, वहीं से अब उसे उखाड़ने की शुरुआत भी होने लगी है़
11 जुलाई 2017 को खूंटी प्रखंड के सिलादोन पंचायत अंतर्गत चितरामू गांव में की गयी पत्थलगड़ी को गुरुवार को ग्रामीणों ने उखाड़ दिया. पत्थलगड़ी उखाड़ने का निर्णय 12 जुलाई को आयोजित ग्रामसभा में लिया गया था़ इसके बाद ग्रामीणों ने एसडीओ प्रणव कुमार पाल को इसकी लिखित जानकारी भी दी थी़
गुरुवार की सुबह करीब नौ बजे लोग पत्थलगड़ी स्थल पहुंचे़ इसके बाद जिस तरह उन्होंने पत्थलगड़ी की थी, उसी प्रकार विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना कर पत्थलगड़ी को उखाड़ा गया़
ग्रामीणों को भड़काया गया था : ग्राम प्रधान अशोक मुंडा ने बताया कि नासमझी में ग्रामीणों ने पत्थलगड़ी की थी. शुरुआत में भूमि अधिग्रहण, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के विषय को लेकर ग्रामीणों को भड़काया गया था़
हमारी जमीन सरकार द्वारा छीन लिये जाने की बात कही गयी थी़ इसी डर से हमलोगों ने अपनी एकजुटता दिखाने के लिए पत्थलगड़ी की थी, पर इससे होनेवाले दुष्प्रभाव के बारे में नहीं सोचा था़ परिणामत: विकास कार्य बंद हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पत्थलगड़ी में जो संविधान की बातें लिखी गयी है, उनकी भी गलत व्याख्या की गयी है़ इन्हीं सब बातों को देखते हुए पत्थलड़ी को हटाने का निर्णय लिया गया़
पत्थलगड़ी से विकास योजनाएं हुई प्रभावित : मंगल सिंह पहान ने कहा कि पत्थलगड़ी के बाद कोई भी सरकारी अधिकारी गांव में नहीं आते थे़
गांवों में विकास योजनाएं प्रभावित हो रही है. दूसरे गांव के लोगों द्वारा कहा जाता था कि राशन मत लो, बच्चों को स्कूल मत भेजो, आधार कार्ड जला दो़ ऐसे में हम क्या खायेंगे, हम सबों का क्या विकास होगा, यही सोच कर हम ग्रामीण स्वेच्छा से पत्थलगड़ी को उखाड़ रहे हैं.
इस दौरान विधि-व्यवस्था पर नजर बनाये रखने के लिए श्रम अधीक्षक एतवारी महतो और सीओ विजय कुमार गांव में उपस्थित थे़ गांव के आसपास के क्षेत्र में पुलिस के जवान भी तैनात किये गये थे़ मौके पर अभिमन्यु पहान, लीलू पहान, सुंदर मुंडा, निर्मल पहान, महादेव मुंडा, जतरा पहान, सुंदर पहान, जगरनाथ मुंडा आदि उपस्थित थे़
भंडरा से शुरू हुई थी पत्थलगड़ी : खूंटी जिले में पत्थलगड़ी की शुरुआत भंडरा गांव से हुई थी़ वहां नौ मार्च 2017 को पत्थलगड़ी की गयी थी़ इसके बाद सिलादोन पंचायत के चितरामू गांव में 11 जुलाई 2017 को पत्थलगड़ी की गयी थी़ इसके बाद पत्थलगड़ी करने का सिलसिला जोर पकड़ लिया़
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, जिले में कुल 67 गांवों में पत्थलगड़ी की गयी है़ सिलादोन पंचायत में ही तीन गांव को छोड़कर सभी गांव में पत्थलगड़ी की गयी है़ चितरामू गांव में पत्थलगड़ी को हटाये जाने के बाद अब जिले के कई अन्य गांवों से भी पत्थलगड़ी को हटाये जाने की उम्मीद जगी है़. कई गांवों में ऐसी चर्चाएं चल रही है.
ग्राम प्रधान ने कहा पत्थलगड़ी में संविधान की गलत व्याख्या की गयी है
नासमझी में ग्रामीणों ने पत्थलगड़ी की थी, सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन, भूमि अधिग्रहण को लेकर ग्रामीणों को भड़काया गया
कई गांवों में उम्मीद जगी
चितरामू गांव में पत्थलगड़ी को हटाये जाने के बाद अब जिले के कई अन्य गांवों से भी पत्थलगड़ी को हटाये जाने की उम्मीद जगी है़. कई गांवों में ऐसी चर्चाएं चल रही है.
मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने की सराहना
ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने चितरामू गांव से पत्थलगड़ी उखाड़े जाने का स्वागत किया है़ उन्होंने अपने सोशल मीडिया में गांव में पत्थलगड़ी को उखाड़े जाने की तस्वीर साझा करते हुए ग्रामीणों की सराहना की है़ कहा है कि ग्रामीणोंं में जागरूकता आने और संविधान की सही जानकारी होने के बाद पत्थरउखाड़ी का कार्यक्रम किया है़

Next Article

Exit mobile version