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आमने-सामने : खूंटी संसदीय क्षेत्र, जानें सांसद कड़िया मुंडा के दावे और विपक्ष का आरोप

खूंटी संसदीय क्षेत्र से 2014 में कई बार केंद्रीय मंत्री व लोकसभा में उपाध्यक्ष रहे कड़िया मुंडा भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीते थे. अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी झारखंड पार्टी (झापा) के एनोस एक्का को 92,248 मतों से हराया था. इस बार भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को चुनाव में उतारा है. पांच साल के […]

खूंटी संसदीय क्षेत्र से 2014 में कई बार केंद्रीय मंत्री व लोकसभा में उपाध्यक्ष रहे कड़िया मुंडा भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीते थे. अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी झारखंड पार्टी (झापा) के एनोस एक्का को 92,248 मतों से हराया था. इस बार भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को चुनाव में उतारा है.
पांच साल के कार्यकाल के दौरान कड़िया मुंडा ने लोकसभा में दो बार बहस मेें हिस्सा लिया. 96 फीसदी उपस्थिति रही. पांच साल में एक भी सवाल नहीं पूछा. वहीं दूसरे स्थान पर पर रहनेवाले प्रत्याशी एनोस एक्का जेल में सजा काट रहे हैं. तीसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस के प्रत्याशी कालीचरण मुंडा कड़िया मुंडा के दावे को खारिज कर रहे हैं. उन पर क्षेत्र की समस्या से दूर रहने का आरोप लगा रहे हैं.
इंडियन ऑयल टर्मिनल की स्थापना से बढ़ा रोजगार : कड़िया मुंडा
सांसद कड़िया मुंडा 2014 के लोकसभा जीत कर आठवीं बार खूंटी लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने थे.
खूंटी : प्रतिनिधि चुने गये थे़ उनका दावा है कि क्षेत्र के विकास के लिए कई काम किये. उनके कार्यकाल में खूंटी में इंडियन ऑयल टर्मिनल की स्थापना हुई़ हटिया से खुरदा रेलवे रेलवे को डबल लाइन किया जा रहा है़ उन्होंने बताया कि सांसद फंड का अधिकतर हिस्सा उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में खर्च किया़ लगभग 80 प्रतिशत राशि से स्कूल भवनों का निर्माण किया गया़ अनुशंसा के आधार पर लोकसभा क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, पेयजल की व्यवस्था की गयी. आज कहीं भी इसकी कमी नहीं है़ लोगों की सुविधा के लिए कर्रा, तोरपा, रनिया, पालकोट, अड़की, बुंडू में नगर भवन का निर्माण किया गया़
उन्होंने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस वर्ष सांसद फंड का एक किस्त खर्च नहीं हो सका़ उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण लगभग कुछ पैसा नहीं मिल पाया. टर्मिनल में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने के संबंध में कहा कि वहां तकनीक आधारित पोस्ट है. नन टेक्निकल पदों पर खूंटी के स्थानीय निवासी कार्यरत हैं.
स्थानीय मुद्दों को लेकर चुप रहे कड़िया मुंडा : कालीचरण मुंडा
खूंटी क्षेत्र में ज्यादातर लोग कृषक हैं, लेकिन उनकी सुविधा के लिए सांसद ने कुछ नहीं किया. खूंटी : 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से कड़िया मुंडा के खिलाफ कांग्रेस से कालीचरण मुंडा भी मैदान में थे. तीसरे स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा थे़ श्री मुंडा ने कहा कि कड़िया के कामकाज से क्षेत्र की जनता संतुष्ट नहीं है़ जितना काम हुआ है, उससे ज्यादा काम होना चाहिए था़ सीएनटी-ंएसपीटी एक्ट और स्थानीय मुद्दा की कभी बात ही नहीं की.
उन्होने कहा कि खूंटी से लोगों ने कडि़या मुंडा को सदन में उनकी बात रखने के लिए भेजा था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला़ खूंटी क्षेत्र में ज्यादातर लोग कृषक हैं, लेकिन उनकी सुविधा के लिए कुछ नहीं किया. क्षेत्र में सिंचाई के लिए कोई योजना नहीं बनी़. बड़े-बड़े भवन बने पर किसानों को बैठने के लिए जगह नहीं है़ उन्हें सड़क किनारे दुकान लगानी पड़ती है़ इस क्षेत्र में भी काम होना चाहिए था़ उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल टर्मिनल से भी स्थानीय लोगों को लाभ नहीं मिला़ खूंटी में सिर्फ गाड़ियों का रेला बढा है.
2014 लोकसभा चुनाव : एक नजर में
प्रत्याशी का नाम पार्टी वोट मिले
कड़िया मुंडा भाजपा 269185
एनोस एक्का झापा 176937
जीत का अंतर 92248
2004 से अब तक लोकसभा चुनाव का आंकड़ा
वर्ष विजेता प्राप्त वोट उप विजेता प्राप्त वोट
2004 सुशीला केरकेट्टा 218158 कड़िया मुंडा 166932
2009 कड़िया मुंडा 210214 नियेल तिर्की 130039

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