ब्लास्टिंग से घरों को पहुंच रहा है नुकसान

पिपरवार : पिपरवार क्षेत्र की अशोक परियोजना खदान के पश्चिमी छोर स्थित सी पैच में आउट सोर्सिग कंपनी जीकेसी द्वारा ओबी रिमूवल का काम किया जा रहा है. खदान विस्थापित गांव टेंगरी के समीप पहुंच गया है. खदान के गांव के घरों की दूरी 50 से 100 मीटर है. ओबी रिमूवल के लिए की जानेवाली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2014 5:19 AM

पिपरवार : पिपरवार क्षेत्र की अशोक परियोजना खदान के पश्चिमी छोर स्थित सी पैच में आउट सोर्सिग कंपनी जीकेसी द्वारा ओबी रिमूवल का काम किया जा रहा है. खदान विस्थापित गांव टेंगरी के समीप पहुंच गया है.

खदान के गांव के घरों की दूरी 50 से 100 मीटर है. ओबी रिमूवल के लिए की जानेवाली ब्लास्टिंग से घरों को नुकसान पहुंच रहा है. खदान सुरक्षा मानक के अनुसार ब्लास्टिंग स्थल से घरों की दूरी कम-से-कम 500 मीटर होनी चाहिए, लेकिन मुख्यालय के दबाव में खान सुरक्षा महानिदेशालय के नियमों का उल्लंघन हो रहा है.

ब्लास्टिंग के दौरान उड़ने वाले पत्थरों से कई घरों की एस्बेस्टस सीट टूट गयी है. वहीं कई ग्रामीणों भी घायल हो चुके हैं.

प्रबंधन से ग्रामीणों की अपेक्षा

जारा टेंगरी निवासी सोमर गंझू ने बताया कि 30 नवंबर 2013 से अशोका सी पैच का काम चल रहा है. ग्रामीण प्रबंधन के काम में रूकावट डालना नहीं चाहते. ब्लास्टिंग का विरोध सिर्फ सुरक्षा कारणों से है. प्रबंधन सबसे पहले ग्रामीणों का पुनर्वास सुनिश्चित करे. नौकरी के लंबित मामलों का शीघ्र निबटारा हो.

मकान व पेड़ों के मुआवजे का भुगतान किया जाये. उन्होंने कहा कि गरीब ग्रामीणों के लिए पुनर्वास सबसे बड़ी समस्या है. प्रबंधन द्वारा पानी के लिए समरसेबल पंप लगाया गया था, जो पिछले 15 दिन से खराब पड़ा हुआ है. प्रबंधन ने महिलाओं के लिए शौचालय व बाथरूम बनाने का आश्वासन दिया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ.

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