नक्सल हमला : शहीदों का शव गांवों में पहुंचते ही माहौल गमगीन

सोनाहातू : नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में राहे प्रखंड के चैनपुर गांव के जगुआर एसटीएफ के जवान खंजन कुमार महतो (23 वर्ष) का पार्थिव शरीर शाम पांच बजे चैनपुर गांव पहुंचा. शहीद का शव पहुंचते ही गांव का माहौल गमगीन हो गया. महिलाएं शहीद का एक झलक पाने को आतुर थीं. पूरा गांव गर्व के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2019 6:27 AM
सोनाहातू : नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में राहे प्रखंड के चैनपुर गांव के जगुआर एसटीएफ के जवान खंजन कुमार महतो (23 वर्ष) का पार्थिव शरीर शाम पांच बजे चैनपुर गांव पहुंचा. शहीद का शव पहुंचते ही गांव का माहौल गमगीन हो गया. महिलाएं शहीद का एक झलक पाने को आतुर थीं. पूरा गांव गर्व के साथ आंसू बहा रहा था.
जवान के पार्थिव शरीर के साथ जगुआर के जवान, बुंडू एसडीओ राजेश साह,डीएसपी अशोक प्रियदर्शी, बीडीओ रामगोपाल पांडेय, ओपी प्रभारी अजय ठाकुर गांव पहुंचे. शहीद के आंगन में उसे सलामी दी गयी. इसके बाद अंतिम यात्रा निकाली गयी. उन्हें कोकरो नदी घाट तक ले जाया गया. अंतिम यात्रा में पूरा गांव साथ था. मौके पर पूर्व विधायक अमित महतो, मुखिया राजकिशोर मुंडा, पंसस सुभाष महतो ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी.
दो भाई व एक बहन में सबसे बड़े थे खंजन
दो भाई व एक बहन में खंजन कुमार सबसे बड़े थे. उनका छोटा भाई चंदन महतो बीटेक कर रहा है. वहीं बहन शैव्या कुमारी स्नातक में पढ़ रही है. शहीद के पिता अनंत प्रसाद महतो रांची जिला बल में कार्यरत हैं. माता गौरी देवी बच्चों के साथ चार साल से रांची में ही रहती है. पिता अनंत महतो ने बताया कि घर में काम होने के कारण सपरिवार गांव में ही थे. शुक्रवार सुबह छह बजे जगुआर मुख्यालय से फोन आया कि आपको मुख्यालय आना है. गाड़ी जा रही है, तैयार रहें. रांची जाने के क्रम में घटना की जानकारी हुई.
व्यवहार कुशल था खंजन
शहीद के सहयोगी जवान नरेश महतो ने बताया कि खंजन कुमार हंसमुख था. वह दोस्तों के साथ व्यवहार कुशल था. रात दो बजे मुख्यालय से अभियान के लिए निकले थे. तीन बजे अंतिम बात हुई. अभियान के दौरान वह दूसरे सेक्शन में था. शहीद से पोजीशन की दूरी 50 मीटर पर था. पांच बजे अचानक गोली चलने लगी. सब पोजीशन में थे. गोली चलनी बंद हुई तब घटना की जानकारी हुई.
दोकाद पंचायत के चार जवान हो चुके हैं शहीद
राहे प्रखंड का चैनपुर गांव दोकाद पंचायत के अंतर्गत आता है. पूरे पंचायत में 100 से अधिक युवक झारखंड पुलिस में कार्यरत हैं. झारखंड बनने के बाद पंचायत से चार जवान शहीद हुए हैं. सभी जवान नक्सली हमले के शिकार हुए हैं.
दोकाद पंचायत के दरहा गांव के घासीराम महतो 2 दिसंबर 2006 को बोकारो में, दरहा गांव के सुरेंद्र स्वांसी 15 जनवरी 2010 को गुमला में, चैनपुर गांव के निलमोहन महतो 21 जनवरी 2012 को गढ़वा में नक्सली हमले में शहीद हुए थे. खंजन कुमार महतो नामकुम व दशम फॉल की सीमा पर चार सितंबर 2019 को शहीद हुए.

Next Article

Exit mobile version