कस्तूरबा विद्यालय खलारी में अब तक शुरू नहीं हुई छात्राओं की पढ़ाई
खलारी : खलारी में नवनिर्मित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अब तक छात्राओं की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है. लगभग एक साल से कस्तूरबा स्कूल का भवन बन कर तैयार है. भवन का इस्तेमाल नहीं हो पाने के कारण की 50 छात्राओं की पढ़ाई भी अधर में लटक गयी. वर्ष 2009 में खलारी […]
खलारी : खलारी में नवनिर्मित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अब तक छात्राओं की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है. लगभग एक साल से कस्तूरबा स्कूल का भवन बन कर तैयार है. भवन का इस्तेमाल नहीं हो पाने के कारण की 50 छात्राओं की पढ़ाई भी अधर में लटक गयी. वर्ष 2009 में खलारी प्रखंड सृजन के साथ ही यहां एक कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय प्रस्तावित हो गया था.
पांच साल पहले कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय खलारी के नाम पर प्रखंड की छात्राओं का नामांकन शुरू किया गया. भवन के अभाव में दो साल तक नामकुम के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में खलारी की छात्राओं को पढ़ाया गया. इसके बाद से बुंडू के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में खलारी की छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है.
लेकिन इस वर्ष जिन 50 छात्राओं को दाखिला के लिए चयन किया गया, उनकी पढ़ाई अधर में लटकी हुई है. खलारी के कस्तूरबा में दाखिला की आस में कई छात्राएं दूसरे विद्यालयों में भी दाखिला नहीं ली. वहीं कई किसी तरह दूसरे विद्यालयों में एडमिशन लेकर अपना साल बचा सकी.
चहारदीवारी नहीं बनने के कारण भवन नहीं हो सका है हैंडओवर : खलारी में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का नया भवन विगत एक साल से बन कर तैयार हो गया है. परंतु अभी तक ठेकेदार ने विभाग को हैंडओवर नहीं किया है. बताया जा रहा है कि विद्यालय भवन की चहारदीवारी नहीं बनने के कारण हैंड ओवर नहीं किया जा सका है.
दरअसल चहारदीवारी के अंदर गुलजारबाग का मैदान आ जाने के कारण स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था. विभाग ने ग्रामीणों को विश्वास में लेने का पहल भी किया था, परंतु बात अब तक नहीं बनी. हैंडओवर नहीं हो पाने के कारण चार करोड़ की लागत से बने इस भवन की अभी तक कोई उपयोगिता नहीं है.
कोई जानकारी नहीं : बीइइओ : बीइइओ महेंद्र राम ने कहा कि वे हाल ही में उन्हें खलारी का प्रभार मिला है. कस्तूरबा विद्यालय के बारे में अभी जानकारी नहीं है.